BY: Yoganand Shrivastva
पुरी, ओडिशा: भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान पुरी में रविवार तड़के हुई भगदड़ के मामले में राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। हादसे में तीन श्रद्धालुओं की मौत और 50 से अधिक लोगों के घायल होने के बाद सरकार ने पुरी के जिलाधिकारी (DM) और पुलिस अधीक्षक (SP) का तत्काल तबादला कर दिया है। वहीं, ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में DCP विष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी को निलंबित कर दिया गया है।
नई नियुक्तियां और आर्थिक सहायता
सरकार ने हादसे के बाद पुरी के नए कलेक्टर के रूप में चंचल राणा और नए एसपी के रूप में पिनाक मिश्रा की नियुक्ति की है।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस दर्दनाक हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। साथ ही वरिष्ठ अधिकारी अरविंद अग्रवाल को रथयात्रा की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है।
डीजीपी और डीएम का बयान
ओडिशा पुलिस के डीजीपी वाईबी खुरानिया ने कहा,
“इस बार भीड़ का आकार पिछले वर्षों से कहीं अधिक था। जांच की जा रही है कि अचानक भगदड़ की स्थिति क्यों बनी।”
पूर्व कलेक्टर सिद्धार्थ स्वैन ने जानकारी दी कि हादसे के बाद 15 श्रद्धालुओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनमें से 12 को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। तीन मृतकों के पोस्टमॉर्टम के बाद मौत के स्पष्ट कारण सामने आएंगे।
सीएम माझी ने श्रद्धालुओं से मांगी माफी
मुख्यमंत्री मोहन माझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर ओड़िया में लिखे संदेश में भगवान जगन्नाथ के भक्तों से माफी मांगी। उन्होंने कहा,
“मैं और मेरी सरकार इस अप्रत्याशित घटना के लिए क्षमा चाहते हैं। हम मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।”
हादसा कैसे हुआ?
यह हादसा रविवार सुबह करीब 4 बजे हुआ जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्री गुंडिचा मंदिर के पास रथ यात्रा के दर्शन के लिए इकट्ठा हुए थे। अचानक भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई, जिससे जान-माल का नुकसान हुआ।