पुणे में भीषण गर्मी के कारण इमारतों की संरचना प्रभावित हो रही है। विशेषज्ञों ने दीवारों और छतों में दरारें बढ़ने की पुष्टि की है। जानिए कैसे तापमान वृद्धि ने शहर के पुराने और नए निर्माणों को नुकसान पहुँचाया है।
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पुणे की इमारतों पर गर्मी का प्रभाव
पुणे में लगातार 40°C से अधिक तापमान ने शहर के ढाँचे को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। आर्किटेक्ट्स और इंजीनियर्स ने बताया है कि पुरानी सीमेंट-आधारित इमारतों में दीवारों और छतों में दरारें बढ़ रही हैं। यह समस्या दिन के तापमान और रात के ठंडे मौसम के कारण सामग्री के फैलने और सिकुड़ने से उत्पन्न हो रही है।
इंटीरियर डिजाइनरों के लिए चुनौतियाँ
- पेंटिंग और निर्माण कार्य में दिक्कत: गर्मी के कारण सिंथेटिक पेंट से निकलने वाली गैसों ने मजदूरों के लिए काम करना मुश्किल बना दिया है।
- टाइल्स की समस्या: अत्यधिक गर्मी में टाइल्स लगाते समय पानी की कमी से दरारें पड़ सकती हैं।
- लैंडस्केपिंग पर असर: मिट्टी सूखने से पौधारोपण में परेशानी हो रही है, जिससे डिजाइनर्स को हार्डस्केप पर ध्यान देना पड़ रहा है।

विशेषज्ञों के विचार
- अलीज़ मर्चेंट (क्विक सॉल्यूशंस): “इस गर्मी का असर पिछले सालों जैसा ही है। पुरानी इमारतों में दरारें बढ़ रही हैं।”
- रितु गुर्नानी (RMG डिज़ाइन्स): “मुलशी के फार्महाउस प्रोजेक्ट में हमें काम के दौरान कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।”
- संदीप सहानी (कबाना डिज़ाइन्स): “तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण नई और पुरानी दोनों इमारतों में दरारें दिख रही हैं।”
गर्मी से बचाव के उपाय
- वेंटिलेशन का ध्यान रखें: इमारतों में हवा का प्रवाह बनाए रखें।
- उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग करें: थर्मल प्रतिरोधक सामग्री से निर्माण कराएँ।
- पेड़ लगाएँ: हरियाली इमारतों को प्राकृतिक ठंडक प्रदान करती है।