BY: Yoganand Shrivastva
केरल में 8 जुलाई को यात्रा करने वाले यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। राज्य में निजी बस ऑपरेटरों की संयुक्त समिति ने हड़ताल का ऐलान किया है। परिवहन विभाग से बातचीत विफल रहने के बाद यह निर्णय लिया गया। यदि सरकार ने एक सप्ताह के भीतर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी भी दी गई है।
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क्यों उठाया गया हड़ताल का कदम?
बस ऑपरेटर सरकार द्वारा लगाए गए कुछ नए नियमों और शर्तों को लेकर नाराज़ हैं। उनका कहना है कि ये नियम उनके व्यवसाय को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इनमें प्रमुख मुद्दे ये हैं:
1. पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट की अनिवार्यता
- मई 2025 से नया नियम लागू हुआ है, जिसके तहत बस के चालक, कंडक्टर और क्लीनर के लिए पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट (PCC) जरूरी कर दिया गया है।
- ऑपरेटरों का आरोप है कि PCC मामूली कारणों से भी रोका जा रहा है, जैसे घरेलू झगड़े या किसी प्रदर्शन में भाग लेना।
- इससे हजारों कर्मचारियों की नियुक्ति अटक गई है, जिससे बस संचालन प्रभावित हुआ है।
2. परमिट नवीनीकरण और दूरी की सीमा
- निजी बस ऑपरेटरों का कहना है कि राज्य सरकार 140 किमी से अधिक दूरी की सेवाओं के लिए परमिट नवीनीकरण नहीं कर रही।
- हालांकि हाल ही में केरल हाई कोर्ट ने दूरी सीमा के नियम को रद्द कर दिया है, जिससे अब निजी बसें फिर से लंबी दूरी की सेवाएं शुरू कर सकती हैं।
- लेकिन प्रशासनिक अड़चनें बनी हुई हैं।
3. वेतन और काम के घंटे
- ऑपरेटरों ने मांग की है कि उनके ड्राइवर और कंडक्टरों को भी KSRTC कर्मचारियों के समान न्यूनतम वेतन और 7 घंटे की ड्यूटी जैसी सुविधाएं दी जाएं।
4. छात्र रियायती किराया
- निजी बस मालिकों का कहना है कि छात्रों के लिए दिए जा रहे रियायती किराए के कारण उनकी आय पर असर पड़ रहा है।
- कुछ इलाकों में जैसे कासरगोड, निजी बसें अब छात्रों को बस में चढ़ाने से भी परहेज़ करने लगी हैं।
5. जुर्माना और महंगे उपकरण
- ई-चालान के जरिए भारी जुर्माने और महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की अनिवार्यता पर भी ऑपरेटरों ने नाराज़गी जताई है।
ऑपरेटरों के गंभीर आरोप
संयुक्त समिति के सदस्यों ने परिवहन मंत्री पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर निजी बस उद्योग को कमज़ोर करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकारी बसों को पुरानी और टीवी लगी बसों की अनुमति मिलती है, लेकिन निजी बसों पर कड़े नियम लागू किए जा रहे हैं।