महिला और बाल विकास मंत्रालय (MWCD) देशभर में कुपोषण से लड़ने और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 15 दिवसीय ‘पोषण पखवाड़ा’ का सातवां संस्करण शुरू करने जा रहा है। यह विशेष अभियान 8 से 22 अप्रैल 2025 तक आयोजित किया जाएगा और इसका केंद्र बिंदु चार प्रमुख विषयों पर होगा:
- जीवन के पहले 1,000 दिन: गर्भावस्था से लेकर बच्चे के दो वर्ष की आयु तक पोषण और देखभाल का महत्व, जो शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
- पोषण ट्रैकर के लाभार्थी मॉड्यूल को बढ़ावा देना: पोषण ट्रैकर का उपयोग बढ़ाने के लिए जागरूकता ताकि लाभार्थियों के पोषण स्तर में सुधार किया जा सके।
- समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन: स्थानीय स्तर पर कुपोषण की पहचान, उपचार और रोकथाम हेतु सामुदायिक भागीदारी पर बल।
- बचपन के मोटापे को रोकना: बढ़ते मोटापे की समस्या से निपटने के लिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम की आदतों को बढ़ावा देना।
इस कार्यक्रम की शुरुआत केंद्रीय महिला और बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर के संबोधन से होगी, जो एक राष्ट्रव्यापी वेबकास्ट के माध्यम से 18 मंत्रालयों, राज्य विभागों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से जुड़ेंगी।
इसके अतिरिक्त, महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी अप्रैल के पहले सप्ताह में अरुणाचल प्रदेश का दौरा करेंगी। यह दौरा पोषण और बाल कल्याण से जुड़े चल रहे कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा करने के उद्देश्य से किया जाएगा, जिससे सरकार की क्षेत्रीय पहुंच और कमजोर वर्गों के प्रति प्रतिबद्धता को बल मिलेगा।

इस वर्ष का पोषण पखवाड़ा ‘मिशन सक्षम आंगनवाड़ी’ और ‘पोषण 2.0’ का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सेवा वितरण में सुधार और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत गांव स्तर पर स्वास्थ्य शिविर, घर-घर जाकर संपर्क और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर पोषण संबंधी व्यवहारों में सकारात्मक बदलाव लाना है, ताकि देश भर में एक स्वस्थ जीवनशैली की दिशा में जन आंदोलन को बढ़ावा दिया जा सके।
पृष्ठभूमि:
2018 में आरंभ हुए पोषण पखवाड़ा ने देश में पोषण के प्रति जागरूकता फैलाने और संतुलित आहार को प्रोत्साहित करने में अहम भूमिका निभाई है। इसका सातवां संस्करण भी इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए भारत में पोषण और बाल विकास को एक नई दिशा देने का कार्य करेगा।