देश की प्रमुख डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम के लिए 13 अगस्त का दिन खास रहा। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने कंपनी को फिर से ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम करने की अनुमति दे दी है। इस राहत भरे फैसले के बाद पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के शेयर में लगभग 4% की तेजी आई और यह ₹1,173 पर कारोबार कर रहा है।
RBI का बड़ा फैसला
- तारीख: 12 अगस्त को RBI ने यह मंजूरी दी
- पहले की स्थिति: नए व्यापारियों (Merchants) को जोड़ने पर रोक
- नई स्थिति: कंपनी अब फिर से नए व्यापारियों को जोड़ सकेगी और उनकी पेमेंट प्रोसेस कर पाएगी
पहले लगी रोक के कारण पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज नए व्यापारियों से पेमेंट कलेक्ट करने की सुविधा नहीं दे पा रही थी। अब रोक हटने से कंपनी का बिजनेस एक्सपैंशन तेज़ी से हो सकेगा।
पेमेंट एग्रीगेटर क्या होता है?
पेमेंट एग्रीगेटर एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो ग्राहकों से पेमेंट लेकर उसे सुरक्षित रखता है और फिर तय समय पर व्यापारी के अकाउंट में ट्रांसफर कर देता है।
उदाहरण:
- ग्राहक UPI, कार्ड या नेट बैंकिंग से पेमेंट करता है
- एग्रीगेटर (जैसे Paytm, PhonePe, PayU) वह पैसा एस्क्रो अकाउंट में रखता है
- बाद में वह रकम व्यापारी के बैंक खाते में भेज देता है
इस तरह व्यापारी को अलग-अलग पेमेंट सिस्टम से जुड़ने की जरूरत नहीं पड़ती, सब कुछ एक ही प्लेटफॉर्म से मैनेज हो जाता है।
पेटीएम का शेयर प्रदर्शन
- 1 साल में: 113% की बढ़त
- 6 महीने में: 54% की बढ़त
- साल 2025 में अब तक: 18% की बढ़त
- मार्केट कैप: ₹75,000 करोड़
तेजी से बढ़ते शेयर प्राइस यह संकेत देते हैं कि निवेशकों का भरोसा कंपनी पर मजबूत हो रहा है, खासकर RBI की नई मंजूरी के बाद।
पेटीएम का सफर
- शुरुआत: अगस्त 2009
- संस्थापक: विजय शेखर शर्मा
- यूजर बेस: 30 करोड़ से ज्यादा
- वर्तमान मार्केट कैप: लगभग ₹28,000 करोड़ (पेटीएम ऐप का)
पेटीएम ने भारत में डिजिटल पेमेंट रेवोल्यूशन को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है और अब RBI की हरी झंडी से इसकी ग्रोथ को नया बूस्ट मिलेगा।





