मुख्य बातें:
- जम्मू-कश्मीर के CM उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में आज पहलगाम में होगी विशेष कैबिनेट बैठक
- आतंकवाद के खिलाफ एक सशक्त और प्रतीकात्मक संदेश देने की पहल
- पर्यटन को पुनर्जीवित करने और स्थानीय विश्वास बहाल करने का उद्देश्य
- केंद्र सरकार से PSUs और संसदीय समितियों की बैठकें कश्मीर में आयोजित करने की अपील
🔹 पहलगाम में आज लगेगा सरकार का दरबार
जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत लेकिन हाल ही में आतंक की चपेट में आए पहलगाम में आज एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना घटने जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला वहां विशेष कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक को न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से, बल्कि एक रणनीतिक और भावनात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
🌄 आतंकी हमले के बाद वीरान हुआ पर्यटन स्थल
22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद पहलगाम, जो कभी पर्यटकों से भरा रहता था, अब लगभग सुनसान हो चुका है। डर और अनिश्चितता ने यहां के लोगों और व्यवसायों को बुरी तरह प्रभावित किया है।
🔹 आतंक के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक बनेगी बैठक
👉 बैठक क्यों है खास?
- यह पहली बार है जब मौजूदा सरकार श्रीनगर या जम्मू से बाहर कैबिनेट बैठक कर रही है।
- संदेश स्पष्ट है: “आतंक के आगे नहीं झुकेंगे।”
- यह कदम दर्शाता है कि सरकार राज्य के हर कोने में शासन और सुरक्षा सुनिश्चित करने को तैयार है।
👉 क्या है बैठक का उद्देश्य?
- आतंकवाद के खिलाफ सशक्त संदेश देना
- स्थानीय जनता के साथ एकजुटता दिखाना
- पर्यटन को पुनर्जीवित करना और विश्वास बहाल करना
🔹 उमर अब्दुल्ला की पुरानी रणनीति: सीमावर्ती इलाकों में सक्रियता
उमर अब्दुल्ला इससे पहले भी अपने पहले कार्यकाल (2009-2014) के दौरान गुरेज, माछिल, तंगधार, राजौरी और पुंछ जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में कैबिनेट बैठकें कर चुके हैं। उनका मानना है कि “जहां चुनौती है, वहीं पर उपस्थिति दिखाना सबसे जरूरी है।”
🔹 केंद्र से मिला समर्थन, नया प्रस्ताव पेश
शनिवार को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल बैठक में उमर अब्दुल्ला ने एक विशेष प्रस्ताव रखा। इसमें उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि:
- PSUs (सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों) की बैठकें जम्मू-कश्मीर में हों
- संसदीय समितियों की बैठकें भी यहां आयोजित की जाएं
इससे घाटी में सामान्य स्थिति और सुरक्षा को लेकर एक सकारात्मक संदेश जाएगा, और पर्यटन, निवेश और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
🔹 विधानसभा में हुआ था आतंकवाद के खिलाफ प्रस्ताव पारित
28 अप्रैल को जम्मू में आयोजित विधानसभा सत्र में सरकार ने एक सुर में आतंकवाद की निंदा की। पहलगाम हमले के विरोध में प्रस्ताव पारित करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने 26 मिनट के भाषण में भावुक होते हुए कहा:
“हम इस दर्दनाक हमले का राजनीतिक लाभ नहीं उठाएंगे। हमारा उद्देश्य है – शांति, विकास और समावेशी समृद्धि।”
🔹 पहलगाम में पर्यटन को फिर से संजीवनी देने की कोशिश
इस बैठक से यह उम्मीद लगाई जा रही है कि पहलगाम एक बार फिर पर्यटकों का पसंदीदा गंतव्य बनेगा। सरकार के अनुसार:
- सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है
- स्थानीय व्यापारियों और पर्यटन से जुड़े लोगों को सहयोग दिया जाएगा
- होटल और गाइड्स को सरकार की तरफ से राहत पैकेज भी मिल सकता है
🔹 पहलगाम क्यों है रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण?
- अमरनाथ यात्रा का एक प्रमुख पड़ाव
- कश्मीर घाटी के पर्यटन नक्शे का प्रमुख केंद्र
- आतंकवादियों द्वारा लक्षित किए जाने की वजह से प्रतीकात्मक रूप से संवेदनशील
निष्कर्ष: पहलगाम से उठेगी नए विश्वास की लहर
उमर अब्दुल्ला का यह कदम न केवल एक राजनीतिक सिग्नल है, बल्कि एक जनता से जुड़ाव और साहस का प्रतीक भी है। यह बैठक साबित करती है कि सरकार पीछे हटने वाली नहीं है, बल्कि आतंकी हमलों का जवाब प्रशासनिक सक्रियता और जनसंपर्क से दिया जाएगा।