राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेन्द्र नगर इलाके में दिल्ली UPSC छात्र आत्महत्या केस से सनसनी फैल गई है। 25 वर्षीय तरुण ठाकुर, जो कि यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे, ने पीजी के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटनास्थल से बरामद हुए सुसाइड नोट में तरुण ने खुद को इस कदम के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
📂 घटना का विवरण: ओल्ड राजेन्द्र नगर में मिला शव
शनिवार सुबह जब तरुण के पिता ने उन्हें कॉल किया और कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने पीजी संचालक तनुज को फोन किया। तनुज ने तुरंत छात्र के कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से बंद होने के कारण कुछ नहीं हुआ। पीजी में रह रहे अन्य छात्रों ने बालकनी से झांक कर देखा तो तरुण का शव पंखे से लटका मिला।
📜 सुसाइड नोट में क्या लिखा था UPSC स्टूडेंट ने?
पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें तरुण ठाकुर ने अपनी मौत के लिए किसी को दोषी न ठहराते हुए खुद को जिम्मेदार बताया है। दिल्ली UPSC छात्र आत्महत्या केस में यह स्पष्ट संकेत देता है कि वह मानसिक दबाव या असफलता से जूझ रहे थे।
📱 मोबाइल कब्जे में, आत्महत्या के कारणों की जांच जारी
पुलिस ने तरुण का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है और डिजिटल जांच शुरू कर दी गई है। इस फोन की कॉल डिटेल्स, मैसेज और सोशल मीडिया एक्टिविटी से यह जानने की कोशिश की जा रही है कि आखिरकार उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया।
📌 तरुण ठाकुर: कहां से थे और क्या कर रहे थे?
तरुण ठाकुर मूल रूप से जम्मू के रहने वाले थे। वह दिल्ली के ओल्ड राजेन्द्र नगर में एक पीजी में रहकर एक साल से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। उनके बड़े भाई देविंदर ठाकुर गुरुग्राम में एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं।
🛃 परिजनों और पुलिस को दी गई सूचना
छात्र की आत्महत्या की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए आरएमएल अस्पताल की मोर्चरी भेजा गया। इसके साथ ही तरुण के परिजनों को भी सूचना दी गई।
🔍 दिल्ली में UPSC छात्रों की मानसिक स्थिति पर सवाल
दिल्ली UPSC छात्र आत्महत्या केस एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर करता है कि सिविल सेवा की तैयारी में छात्र किन मानसिक दबावों से गुजरते हैं। ओल्ड राजेन्द्र नगर जैसे इलाके, जहां हजारों छात्र बड़े सपनों के साथ आते हैं, वहां प्रतिस्पर्धा का माहौल और अकेलापन कई बार जानलेवा साबित हो सकता है।
🧠 क्या यूपीएससी तैयारी कर रहे छात्रों के लिए काउंसलिंग जरूरी है?
यह केस इस ओर इशारा करता है कि सिविल सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए नियमित मानसिक स्वास्थ्य परामर्श (mental health counseling) बेहद आवश्यक है। लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा, असफलताओं का डर और पारिवारिक अपेक्षाएं कई बार छात्र को आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर कर देती हैं।
📣 निष्कर्ष: दिल्ली UPSC छात्र आत्महत्या केस ने जगाई चेतना
दिल्ली UPSC छात्र आत्महत्या केस केवल एक खबर नहीं, बल्कि एक चेतावनी है—एक ऐसा मामला जो सिस्टम, समाज और परिजनों सभी को आत्ममंथन के लिए प्रेरित करता है। सिविल सेवा की तैयारी में लगे हर छात्र को भावनात्मक समर्थन और मानसिक सुरक्षा की ज़रूरत है।