BY: Yoganand Shrivastva
जम्मू: पाकिस्तान की नागरिक से विवाह करने के कारण सेवा से निकाले गए सीआरपीएफ के पूर्व जवान मुनीर अहमद अब न्याय की गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने सारी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया, फिर भी उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
बचपन में ही तय हो गया था रिश्ता
एक विशेष बातचीत में मुनीर ने बताया कि उनकी पत्नी मीनल खान उनके मामू की बेटी हैं, और दोनों का निकाह परिवार के बुजुर्गों ने बचपन में ही तय कर दिया था। मीनल का परिवार भारत-पाक विभाजन से पहले जम्मू में ही रहता था और विभाजन के समय पाकिस्तान चला गया था। मुनीर ने वर्ष 2017 में सीआरपीएफ की सेवा जॉइन की थी।
विभाग को दी थी निकाह की जानकारी
मुनीर के मुताबिक, दिसंबर 2022 में उन्होंने अपने विवाह की सूचना अपने विभाग को दे दी थी और आवश्यक एनओसी के लिए आवेदन भी किया। विभाग ने कुछ आपत्तियाँ जताईं, जैसे शादी की तारीख और स्थान, जिसे मुनीर ने स्पष्ट कर जवाब भी भेजा। उन्होंने बताया कि उनके दस्तावेज डीआईजी, आईजी और अंततः सीआरपीएफ मुख्यालय तक पहुंचे थे।
ऑनलाइन निकाह और वीजा प्रक्रिया
अपने पिता की गंभीर बीमारी और वीजा में देरी के चलते मुनीर और मीनल ने वर्ष 2024 में ऑनलाइन निकाह किया। इसके बाद फरवरी 2025 में मीनल को 15 दिन का वीजिट वीजा मिला, और वह भारत आईं। 4 मार्च 2025 को लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) के लिए आवेदन किया गया और 13 मार्च तक सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गईं।
सरकार की कार्रवाई के बाद विवाद
22 मार्च को हुए पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने वीजा पर भारत में मौजूद पाक नागरिकों को वापस भेजने का निर्णय लिया। हालांकि, यह आदेश लॉन्ग टर्म वीजा धारकों पर लागू नहीं होता था। इसके बावजूद, मीनल को एग्जिट परमिट जारी कर दिया गया। मुनीर ने इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में अपील की और फैसला उनके पक्ष में आया, जिससे मीनल को भारत में रुकने की अनुमति मिली।
बर्खास्तगी पर सवाल
मुनीर ने बताया कि अगले ही दिन, यानी 3 मई को उन्हें बर्खास्तगी का नोटिस थमा दिया गया। विभाग ने आरोप लगाया कि उन्होंने समय-समय पर जानकारी नहीं दी। मुनीर इस फैसले को चुनौती देने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं।
पत्नी की अपील – “पति से अलग मत करो”
मुनीर का कहना है कि उनकी पत्नी मीनल मानसिक रूप से काफी परेशान हैं और भारत में ही रहना चाहती हैं। उन्होंने यहां तक कहा है कि “मेरे पासपोर्ट पर ऐसी मुहर लगाओ कि मैं दोबारा पाकिस्तान जा ही न सकूं, लेकिन मुझे मेरे पति से अलग मत करो।”
देशभक्ति पर अडिग रुख
मुनीर ने साफ किया कि वह देश के लिए समर्पित हैं और आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हैं। “अगर मुझे मौका मिले तो मैं भी पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लूंगा,” उन्होंने कहा। “एक सैनिक होने के नाते मुझे भी जवानों की शहादत का दर्द महसूस होता है।
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