BY: VIJAY NANDAN
संसद का मानसून सत्र जैसे ही शुरू हुआ, विपक्ष के जोरदार हंगामे के चलते पहले ही दिन कार्यवाही बाधित हो गई। सुबह 11 बजे जैसे ही राष्ट्रगान के बाद लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने शोरगुल और नारेबाजी शुरू कर दी। इस स्थिति से खफा होकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी सदस्यों को सदन की मर्यादा बनाए रखने की अपील की, लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखा। इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को भी कड़ी नसीहत दी।
लोकसभा अध्यक्ष की दो-टूक बात:
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, “यह सदन देश की जनता की उम्मीदों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में जरूरी है कि हम उस भावना के अनुरूप चर्चा करें, न कि शोर-शराबा करके उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाएं।” उन्होंने सभी सांसदों से अपील की कि यदि किसी को कोई मुद्दा उठाना है, तो वे नियमानुसार प्रश्नकाल के लिए नोटिस दें।
विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच लोकसभा दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 21, 2025
अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, "सरकार हर मुद्दे पर जवाब देना चाहती है। सदन चलाना चाहिए। आप यहां नारे लगाने नहीं आए हैं। सदन नियमों और विनियमों के अनुसार चलता है। नियमों के अनुसार उठाए गए सभी मुद्दों पर… pic.twitter.com/8QiAPyjWVi
अखिलेश यादव को लेकर नाराज़गी क्यों?
हंगामे के बीच जब कुछ सांसद तख्तियां लेकर सदन में नजर आए, तो ओम बिरला विशेष रूप से अखिलेश यादव को संबोधित करते हुए बोले, “अखिलेश जी, कृपया अपने सभी साथियों से कहिए कि वे तख्तियां लेकर सदन में न आएं। प्रश्नकाल के बाद मैं सभी जरूरी विषयों पर चर्चा की अनुमति दूंगा।” इसके बावजूद जब हंगामा जारी रहा, तो अध्यक्ष ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि संसद के पहले दिन ही इस तरह का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

स्पीकर की अपील का भी नहीं पड़ा असर
ओम बिरला बार-बार सदस्यों से संयम बरतने और सदन को चलने देने की गुजारिश करते रहे, लेकिन विपक्षी दलों का विरोध थमता नहीं दिखा। अंततः मजबूरी में सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में उपस्थित थे।
पीएम मोदी की विपक्ष से अपील
सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी दलों से सकारात्मक सहयोग की अपील की थी। उन्होंने कहा था, “हर दल का अपना दृष्टिकोण और एजेंडा हो सकता है, लेकिन देशहित में सभी को एक साथ आना चाहिए।” उन्होंने इस सत्र को ‘विजयोत्सव’ बताया और ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए भारत की सैन्य ताकत को पूरी दुनिया में प्रमाणित बताया।
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "…पहलगाम में हुए क्रूर अत्याचार और नरसंहार ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। दलगत स्वार्थों को दरकिनार करते हुए, देशहित में, हमारी अधिकांश पार्टियों के प्रतिनिधियों ने दुनिया के कई देशों में जाकर एक स्वर में, दुनिया के सामने… pic.twitter.com/3I4K0GFT4n
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 21, 2025
लोकसभा का मानसून सत्र देश के अहम मुद्दों पर चर्चा का अवसर है, लेकिन पहले ही दिन विपक्ष के रवैये और हंगामे ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की साफ चेतावनी और प्रधानमंत्री मोदी की सकारात्मक अपील के बावजूद सदन की कार्यवाही बाधित होना न केवल संसदीय मर्यादा के लिए चुनौती है, बल्कि जनता के विश्वास के साथ भी एक खिलवाड़ है।