ग्वालियर के डबरा से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने साहूकार की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी। कारण? सिर्फ इसलिए कि उसने तीन लाख के लोन पर बढ़े हुए ब्याज को चुकाने से बचने का रास्ता यही समझा।
पुलिस ने इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा मृतक की निजी डायरी के आधार पर किया, जिससे तीन आरोपियों की पहचान हुई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या है पूरा मामला?
● 3 लाख का कर्ज बना जानलेवा
डबरा देहात थाना क्षेत्र में रहने वाले विवेक राजे उर्फ गोलू साहूकारी करता था। उसने चंदू जाटव को 3 लाख रुपये का कर्ज दिया था, जो समय के साथ ब्याज मिलाकर 10 लाख तक पहुंच गया।
● उधार के दबाव से बचने के लिए रची साजिश
पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ—चंदू जाटव ने अपने साले और दोस्त के साथ मिलकर विवेक की हत्या की योजना बनाई। पार्टी के बहाने उसे दतिया बुलाया और सुनसान इलाके में ले जाकर सिर में गोली मार दी।
बाद में शव को जंगल में फेंक दिया और सबूत मिटाने के लिए मृतक के मोबाइल नदी में फेंक दिए गए।
डायरी से खुला हत्याकांड का राज
11 जून को विवेक की मां सुनीता जाटव ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेक 9 जून को घर से दतिया जाने के लिए निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा।
पुलिस को विवेक की एक डायरी मिली जिसमें उन लोगों के नाम दर्ज थे जिन्हें वह ब्याज पर पैसे देता था। डायरी की जानकारी और तकनीकी साक्ष्यों की मदद से पुलिस ने तीन संदिग्धों को कस्टडी में लेकर पूछताछ की।
हत्याकांड की साजिश और क्रूर अंजाम
- मुख्य आरोपी: चंदू जाटव, हरिपुरा मरघट रोड, डबरा
- मकसद: 10 लाख के ब्याज से बचना
- साजिश: पार्टी के बहाने बुलाकर जंगल में गोली मारकर हत्या
- सबूत मिटाना: मोबाइल और पैसे लूटकर मोबाइल नदी में फेंकना
पुलिस ने क्या कहा?
एएसपी निरंजन शर्मा के मुताबिक, एक छोटी सी डायरी ने पूरे केस की गुत्थी सुलझा दी। इसमें दर्ज जानकारी के आधार पर ही हत्या के पीछे का मकसद और आरोपियों की पहचान हुई। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल देसी पिस्टल और तीन खोखे भी बरामद किए हैं।
कर्ज के जाल में फंसी जान
यह मामला केवल एक हत्या नहीं, बल्कि उस मानसिक दबाव की कहानी है, जो ब्याज के बोझ तले दबे लोगों को अपराध की ओर धकेल देता है। एक छोटी सी लोन राशि, जब समय पर चुकता नहीं होती, तो कैसे एक जानलेवा मोड़ ले सकती है, इस केस से साफ हो जाता है।