भोपाल: मध्य प्रदेश की सियासत में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। राज्य सरकार में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को 20 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। इस नोटिस में उनसे 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है।
क्या है मामला?
हाल ही में उमंग सिंघार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि परिवहन विभाग में हुए एक कथित घोटाले में मंत्री की संलिप्तता है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी दावा किया कि मंत्री ने भ्रष्टाचार से अर्जित पैसों से 1500 करोड़ रुपये की संपत्तियां खरीदी हैं।
मंत्री का पलटवार
इन आरोपों को पूरी तरह गलत बताते हुए गोविंद सिंह राजपूत ने उमंग सिंघार पर कानूनी कार्रवाई का फैसला किया। उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और इससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है। इसी के तहत उन्होंने मानहानि का नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है।
सिंघार का जवाब
मानहानि नोटिस मिलने के बाद उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “नोटिस का जवाब भी देंगे और कोर्ट भी जाएंगे। न डरे हैं, न डरेंगे!” उनके इस बयान के बाद मामला और गर्मा गया है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
कुछ दिन पहले भोपाल में एक कार से सोना और नकदी बरामद हुई थी। इस मामले को लेकर उमंग सिंघार ने गोविंद सिंह राजपूत का नाम जोड़ा था। उन्होंने कहा था कि यह पूरा रैकेट मंत्री के संरक्षण में चल रहा था और इसमें बड़े पैमाने पर काली कमाई हुई है।
इसके अलावा, सिंघार ने यह भी आरोप लगाया कि मंत्री ने अपने परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर भी करोड़ों रुपये की संपत्तियां खरीदी हैं, जिनका उल्लेख उन्होंने चुनावी हलफनामे में नहीं किया।
आगे क्या होगा?
अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि उमंग सिंघार इस नोटिस का क्या जवाब देंगे। क्या यह मामला कानूनी लड़ाई तक पहुंचेगा, या फिर इसे राजनीतिक बहस के जरिए ही सुलझाया जाएगा? मध्य प्रदेश की राजनीति में इस विवाद ने नई हलचल मचा दी है।