20 घंटे बाद डीआईजी वैभव कृष्णन ने जारी किए आधिकारिक आंकड़े, वजह भी बताई
मंगलवार की रात, संगम नगरी में महाकुंभ मेले के दौरान एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने आध्यात्मिक उत्सव को शोक में बदल दिया। संगम तट के पास हुई भगदड़ में मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा घटना के करीब 20 घंटे बाद प्रशासन ने जारी कर दिया। प्रशासन के अनुसार इस हादसे में 30 लोगों की मौत हुई है और 60 अधिक श्रद्धालु घायल हो गए हैं। सभी घायलों को महाकुंभ नगर के केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनका उपचार किया जा रहा है। महाकुंभ नगर के डीआईजी वैभव कृष्मन ने कहा कि भारी भीड़ के कारण बैरिकेड टूट गए और भगदड़ मच गई जिसके कारण हादसा हुआ।

हादसे का कारण
मेला अधिकारी विजय किरण आनंद के अनुसार, भगदड़ का कारण एक अफवाह थी, जो मौनी अमावस्या के पवित्र स्नान के लिए जुटी भीड़ में तेजी से फैल गई। अचानक हुई दहशत के कारण हजारों श्रद्धालु भागने लगे, जिससे भारी भीड़ में कुचलने की घटना हुई। चश्मदीदों ने बताया कि जो लोग नीचे गिर गए, वे उठ नहीं सके, और जिन्होंने भागने की कोशिश की, वे भी भीड़ में दब गए।
घटना का क्रम
यह दुर्घटना रात करीब 2 बजे संगम तट के पास पिलर नंबर 157 के नजदीक हुई। इससे पहले, सुबह से ही मौनी अमावस्या के पवित्र स्नान के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ था। दोपहर तक भीड़ इतनी बढ़ गई कि कई जगहों पर लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ दिया गया। रात में स्नान शुरू होने के बाद संगम तट और उसके आसपास लाखों श्रद्धालु जमा हो गए। आधी रात के बाद स्थिति बिगड़ने लगी, और भगदड़ मच गई।
बचाव और राहत कार्य
घटना की सूचना मिलते ही पैरामिलिट्री फोर्स और एंबुलेंस को तुरंत मौके पर भेजा गया। घायलों को जल्दी से केंद्रीय अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उनका इलाज शुरू किया। हालांकि, कई लोगों को अस्पताल पहुंचने पर मृत घोषित कर दिया गया। अस्पताल में इतनी भीड़ थी कि कुछ मरीजों को जमीन पर लिटाया गया।
श्रद्धालुओं से अपील
हादसे के बाद प्रशासन ने सभी तीर्थयात्रियों से संगम तट की ओर न जाने की विनम्र अपील की है। श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे अन्य घाटों पर स्नान करें और अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करें। यह संदेश महाकुंभ क्षेत्र में लगे सैकड़ों माइक पर लगातार दोहराया जा रहा है।
सुरक्षा उपाय
आगे किसी और हादसे को रोकने के लिए, माइक के जरिए श्रद्धालुओं से बच्चों को कंधे पर बैठाकर चलने, धक्का-मुक्की न करने और धीरे-धीरे आगे बढ़ने की सलाह दी जा रही है। महाकुंभ मेला कंट्रोल रूम ने सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर (1920) जारी किया है, हालांकि इस घटना के लिए अभी कोई विशेष हेल्पलाइन नहीं बनाई गई है।
भीड़ प्रबंधन की चुनौती
झूंसी की ओर जाने वाले पांटून पुल नंबर 12 पर भीड़ अचानक बढ़ गई है। अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे आसपास के घाटों का उपयोग करें और भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचें।