BY: Yoganand Shrivastva
तिरुवनंतपुरम। केरल के कन्नूर तट के पास एक सिंगापुर के झंडे वाले मालवाहक जहाज में सोमवार सुबह अचानक भीषण आग लग गई। जहाज से उठती ऊंची-ऊंची आग की लपटें और काले धुएं का विशाल गुबार समुद्र में दूर तक देखा गया। जानकारी के अनुसार, यह घटना उस वक्त हुई जब जहाज लगभग 44 नॉटिकल मील अझिक्कल पोर्ट से और 130 नॉटिकल मील कोच्चि से दूर था।
कंटेनर सेक्शन में लगी आग, धमाकों की आवाजें सुनाई दीं
जहाज के मध्य हिस्से और कंटेनर स्टोरेज क्षेत्र से आग की लपटें उठ रही थीं। जहाज पर लोड किए गए दर्जनों कंटेनर जलते हुए दिखाई दिए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, समुद्र में जहाज से लगातार धमाकों की आवाजें आ रही थीं, जिससे आसपास दहशत का माहौल बन गया।
भारतीय तटरक्षक बल कर रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
भारतीय तटरक्षक बल की ओर से राहत व बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया। ‘समुद्र प्रहरी’ और ‘सचेत’ नामक गश्ती जहाजों को मौके पर भेजा गया, जो आग बुझाने और जहाज को ठंडा करने के लिए निरंतर फायरफाइटिंग और कूलिंग ऑपरेशन में लगे हुए हैं।
इसके अलावा, ‘समर्थ’ पोत को भी कोच्चि से बचावकर्मियों की एक विशेष टीम के साथ रवाना किया गया है।
18 सदस्यों को सुरक्षित निकाला गया
भारतीय नौसेना के पोत INS सूरत ने मालवाहक जहाज MV Wan Hai 503 पर मौजूद 18 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। उन्हें सोमवार रात करीब 11:30 बजे मैंगलोर पोर्ट पर सुरक्षित उतारा गया। फिलहाल सभी सदस्य सुरक्षित हैं और स्वास्थ्य जांच के बाद उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया है।
हवाई निगरानी भी जारी
भारतीय तटरक्षक बल का डोर्नियर सर्विलांस एयरक्राफ्ट मंगलवार सुबह घटनास्थल पर भेजा गया है, जो ऊपर से पूरे क्षेत्र की निगरानी कर रहा है। अभी भी जहाज के कुछ हिस्सों से धुआं उठ रहा है और आग पूरी तरह बुझने में समय लग सकता है।
नाविकों की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा
समय पर अलर्ट मिलने और भारतीय तटरक्षक बल तथा नौसेना की त्वरित प्रतिक्रिया की वजह से एक बड़ी समुद्री दुर्घटना टल गई। जहाज में मौजूद लोगों ने भी स्थिति को लेकर तत्परता दिखाई और मदद की मांग समय रहते की, जिससे जानमाल की हानि नहीं हुई।
जांच शुरू, आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा
अधिकारियों ने बताया कि आग कैसे लगी, इसके पीछे की वजहों की जांच शुरू हो गई है। इस घटना को लेकर सिंगापुर स्थित शिपिंग कंपनी से भी संपर्क किया गया है, जिससे जहाज का संचालन हो रहा था।