उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में हाल के वर्षों में श्रद्धालुओं की भीड़ और दान में ऐतिहासिक इजाफा देखने को मिला है। महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद यह धार्मिक स्थल देश के सबसे प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल हो गया है।
श्रद्धालुओं की भीड़ में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
महाकाल लोक परियोजना के शुरू होने के बाद उज्जैन में दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है:
- पहले जहां रोजाना 40-50 हजार श्रद्धालु पहुंचते थे,
- अब यह संख्या बढ़कर 1.5 से 2 लाख प्रतिदिन हो गई है।
इस बढ़ोतरी ने न सिर्फ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और मंदिर की आय पर भी गहरा असर डाला है।
मंदिर को मिला खुला दान, आंकड़ा पहुंचा 60 करोड़ पार
मंदिर समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक के अनुसार, महाकाल लोक खुलने के बाद दान में बंपर वृद्धि हुई है:
वित्तीय वर्ष | प्राप्त दान (रुपयों में) |
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2019-20 | ₹15 करोड़ |
2023-24 | ₹59.91 करोड़ |
2024-25 (अब तक) | ₹51.22 करोड़ |
यह राशि केवल भेंट पेटियों में डाले गए दान की है। अन्य स्रोतों को जोड़ने पर कुल आय 1 अरब रुपए से अधिक हो चुकी है।
धार्मिक पर्यटन में जबरदस्त उछाल
महाकाल लोक बनने से उज्जैन में धार्मिक पर्यटन को भी भारी बढ़ावा मिला है:
- 2023 में उज्जैन पहुंचे श्रद्धालु: 5.28 करोड़
- 2024 में संख्या बढ़कर हुई: 7.32 करोड़
- यानी सिर्फ एक साल में 39% की वृद्धि
पिछले दो वर्षों में कुल 12.32 करोड़ श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन आए हैं।
उज्जैन की धार्मिक पहचान हुई और मजबूत
महाकाल मंदिर और महाकाल लोक अब न सिर्फ मध्य प्रदेश, बल्कि पूरे भारत के लिए धार्मिक आस्था और पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है। दान और श्रद्धालुओं की संख्या में यह उछाल इस बात का प्रमाण है कि लोगों की आस्था और मंदिर की भव्यता दोनों नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही हैं।
उज्जैन के महाकाल मंदिर ने धार्मिक आस्था, संरचना और प्रशासनिक प्रबंधन का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और दान में रिकॉर्ड वृद्धि दर्शाते हैं कि महाकाल लोक परियोजना ने उज्जैन को धार्मिक मानचित्र पर शीर्ष स्थान पर पहुंचा दिया है।