by: vijay nandan
भारत को “विविधताओं में एकता” का प्रतीक माना जाता है। यह भूमि जितनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध है, उतनी ही धार्मिक महत्व के कारण भी जानी जाती है। इन्हीं में से एक है मध्य प्रदेश भारत का “हृदय प्रदेश”। यहाँ की पहचान केवल जंगल, किलों और ऐतिहासिक स्मारकों से ही नहीं, बल्कि गहरे धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व से भी है। मध्य प्रदेश में ऐसे अनेकों तीर्थ और मंदिर हैं, जो न केवल श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र हैं, बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी अपनी ओर खींचते हैं।
यहाँ हम मध्य प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों का विवरण करेंगे और समझेंगे कि क्यों यह राज्य धार्मिक पर्यटन के लिए एक स्वर्णिम धरोहर माना जाता है।

उज्जैन – महाकाल की नगरी
मध्य प्रदेश का नाम लेते ही सबसे पहले उज्जैन का स्मरण होता है। यह शहर श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, महाकाल मंदिर हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है।
- महाकाल की भस्मारती: यहाँ प्रतिदिन प्रातःकाल की भस्म आरती एक अनोखा धार्मिक अनुभव है, जिसे देखने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं।
- कुंभ मेला: हर 12 वर्षों में उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ मेला आयोजित होता है, जो विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है। 2028 एक बार फिर सिंहस्थ कुंभ लगने वाला है। जिसकी तैयारियां मध्य प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार कर रही है।
इसके अलावा कालभैरव मंदिर, हरसिद्धि मंदिर और गणेश मंदिर भी यहाँ विशेष महत्व रखते हैं।

महाकाल नगरी में महाकाल लोक
अब उज्जैन को एक और नई पहचान मिली है, महाकाल लोक
- महाकाल लोक का निर्माण: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में इसका लोकार्पण किया। यह परियोजना महाकाल मंदिर कॉरिडोर विस्तार योजना के तहत बनाई गई है।
- भव्य मूर्तियाँ और शिल्प: महाकाल लोक में भगवान शिव की विशाल मूर्तियाँ, सप्तऋषि, शिव तांडव और पौराणिक कथाओं पर आधारित भित्तिचित्र बनाए गए हैं।
- प्रकाश और सजावट: यहाँ की लाइटिंग, संगमरमर की नक्काशी और खुले प्रांगण पर्यटकों और श्रद्धालुओं को एक अद्भुत दिव्य अनुभव कराते हैं।
- लंबाई और विस्तार: महाकाल लोक लगभग 900 मीटर लंबे कॉरिडोर के रूप में विकसित किया गया है, जिसमें 108 अलंकारित स्तंभ हैं।
- पर्यटन का केंद्र: यह स्थल अब केवल आस्था ही नहीं, बल्कि आधुनिक स्थापत्य और भव्यता के कारण धार्मिक पर्यटन का वैश्विक आकर्षण बन चुका है।
महाकाल लोक के कारण उज्जैन आने वाले पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। यहाँ भक्त केवल मंदिर में दर्शन करने ही नहीं आते, बल्कि इस अद्भुत कॉरिडोर की भव्यता देखने भी पहुँचते हैं।
ओंकारेश्वर – नर्मदा तट पर आध्यात्मिक धाम
ओंकारेश्वर नर्मदा नदी के तट पर स्थित एक और ज्योतिर्लिंग है। यहाँ का मंदिर शिव भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है।
- यह मंदिर ओंकार पर्वत पर स्थित है, जो स्वस्तिक के आकार का दिखाई देता है।
- यहाँ की नर्मदा आरती और मंदिर की भव्यता भक्तों को आत्मिक शांति का अनुभव कराती है।
- ओंकारेश्वर के साथ-साथ समीपस्थ ममलेश्वर मंदिर भी समान महत्व रखता है।

अमरकंटक – नर्मदा का उद्गम स्थल
अमरकंटक मध्य प्रदेश का एक प्रसिद्ध धार्मिक और प्राकृतिक स्थल है।
- यहाँ से नर्मदा नदी और सोन नदी का उद्गम होता है।
- नर्मदा उद्गम कुंड भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है।
- अमरकंटक में स्थित कपिलधारा जलप्रपात और माई की बगिया इसे धार्मिकता के साथ-साथ प्राकृतिक पर्यटन का भी केंद्र बनाते हैं। अमरकंटक को “तपस्वियों की भूमि” कहा जाता है, जहाँ अनेक ऋषि-मुनियों ने तपस्या की थी।
चित्रकूट – राम भक्तों की धरती
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसा चित्रकूट भगवान श्रीराम से जुड़ा एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।
- मान्यता है कि श्रीराम ने वनवास का अधिकांश समय यहीं व्यतीत किया था।
- कामदगिरि पर्वत, राम घाट, भारत मिलाप मंदिर और हनुमान धारा यहाँ के प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।
चित्रकूट आध्यात्मिकता और श्रद्धा का संगम है, जहाँ हर वर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
सतना – मैहर देवी धाम
मैहर देवी मंदिर, सतना जिले का प्रमुख धार्मिक केंद्र है।
- इसे शारदा माँ का मंदिर भी कहा जाता है।
- मान्यता है कि अल्हा और उदल, जो बुंदेलखंड के वीर थे, माँ शारदा के परम भक्त थे और आज भी प्रातःकाल यहाँ पूजा करने आते हैं।
मंदिर तक पहुँचने के लिए 1063 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती थीं, लेकिन अब रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है।
सांची – बौद्ध धर्म का तीर्थ
मध्य प्रदेश केवल हिंदू धर्म के लिए ही नहीं, बल्कि बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी विशेष महत्व रखता है।
- सांची स्तूप, जिसे सम्राट अशोक ने बनवाया था, विश्व धरोहर स्थल है।
- यहाँ के स्तूप, विहार और तोरण द्वार बौद्ध धर्म की कला और संस्कृति के अद्भुत नमूने हैं।
सांची विश्व भर के बौद्ध श्रद्धालुओं और इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
बड़वानी – मां राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर
बड़वानी जिले में स्थित यह मंदिर त्रिपुर सुंदरी माता का है, जिन्हें “राजराजेश्वरी” भी कहा जाता है।
- यह 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।
- नवरात्रि के समय यहाँ विशेष मेले का आयोजन होता है।
अन्य प्रमुख धार्मिक स्थल
- बड़ोनी (दतिया) – यहाँ स्थित पीतांबरा पीठ तांत्रिक साधना का प्रमुख केंद्र है।
- खंडवा – यहाँ का ओंकार मंदिर और धार्मिक संगीत परंपरा विशेष महत्व रखती है।
- भोपाल का भोजपुर मंदिर – भगवान शिव का विशाल लिंगम यहाँ स्थित है।
- विदिशा का उदयगिरि गुफा मंदिर – गुप्तकालीन कला और धार्मिक महत्व का स्थल है।
- मंदसौर का पशुपतिनाथ मंदिर – शिव भक्तों के लिए विशेष श्रद्धा का केंद्र।
धार्मिक पर्यटन का महत्व
मध्य प्रदेश धार्मिक पर्यटन का केंद्र क्यों है, इसके कुछ कारण निम्नलिखित हैं:
- ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठों की उपस्थिति
- रामायण और महाभारत से जुड़े स्थल
- बौद्ध और जैन धर्म की धरोहरें
- सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत
धार्मिक पर्यटन न केवल आस्था को प्रगाढ़ करता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती देता है। मध्य प्रदेश वास्तव में “भारत का हृदय” है, जहाँ धर्म, आस्था और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। उज्जैन का महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, अमरकंटक की नर्मदा उद्गम, चित्रकूट की रामायण कथा, सांची के बौद्ध स्तूप और मैहर देवी जैसे स्थल इस राज्य को धार्मिक पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनाते हैं। यदि कोई व्यक्ति आत्मिक शांति, श्रद्धा और भारतीय संस्कृति की गहराई को समझना चाहता है, तो मध्य प्रदेश की धार्मिक यात्रा निश्चित ही उसके जीवन का अविस्मरणीय अनुभव होगी।