BY: Yoganand Shrivastva
मध्यप्रदेश के आलोट शहर में बुधवार को कायस्थ समाज और चित्रांश यूथ फेडरेशन के सदस्यों ने कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। समाज का आरोप है कि मिश्रा ने महाराष्ट्र में आयोजित कथा कार्यक्रम के दौरान भगवान चित्रगुप्त के बारे में अनुचित टिप्पणी की, जिससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
ज्ञापन में क्या कही बात?
प्रदर्शन के दौरान समाज के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि:
- मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
- वे समाज से सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।
- भविष्य में भगवान चित्रगुप्त सहित किसी भी सनातन देवी-देवता के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी न करें।
ज्ञापन नायब तहसीलदार मृगेंद्र सिसोदिया को सौंपा गया। इस दौरान कायस्थ समाज के अध्यक्ष राजेंद्र निगम और चित्रांश यूथ फेडरेशन के अध्यक्ष धीरेन्द्र सिंह निगम सहित समाज के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
कथावाचक ने पहले ही मांगी है माफी
हालांकि पंडित प्रदीप मिश्रा ने मीडिया के सामने आकर माफी मांग ली है, लेकिन कायस्थ समाज का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने विवादित टिप्पणी की हो। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि इससे पहले उन्होंने राधारानी पर भी अनुचित टिप्पणी की थी, जिसके लिए उन्होंने तब भी माफी मांगी थी।
समाज का तर्क है कि व्यास गद्दी जैसे पवित्र मंच से इस प्रकार की बातें सनातन संस्कृति की मर्यादा के विरुद्ध हैं, और बार-बार माफी मांगने से बात खत्म नहीं होती। वे इस बार कानूनी कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं।
यह विवाद एक बार फिर धार्मिक भावनाओं और सार्वजनिक वक्ताओं की जिम्मेदारियों पर सवाल खड़ा करता है। समाज की ओर से माफीनामे को पर्याप्त न मानते हुए, कठोर कार्रवाई की मांग ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है।