जयपुर की एक लोकप्रिय मिठाई की दुकान ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसने खाने-पीने के शौकीनों और देशभक्तों दोनों का ध्यान खींचा है। ट्योहाॅर स्वीट्स, जो अपने पारंपरिक और आलीशान मिठाईयों के लिए जाना जाता है, ने अपने सभी ‘पाक’ वाली मिठाइयों के नाम बदलकर ‘श्री’ कर दिए हैं। इस बदलाव के पीछे एक खास वजह है, जो सिर्फ नाम परिवर्तन नहीं बल्कि देशभक्ति का भाव भी दर्शाती है।
‘पाक’ से ‘श्री’ तक का सफर: नामों में बड़ा बदलाव
जयपुर की इस दुकान की मालकिन, अंजलि जैन ने बताया कि ‘पाक’ शब्द से जुड़ी कुछ भावनाएं ग्राहकों को अब असुविधाजनक लगने लगी थीं। इसलिए उन्होंने अपने सभी मिठाइयों के नाम में बदलाव किया।
अब नाम इस तरह हैं:
- मोटी पाक → मोटी श्री
- आम पाक → आम श्री
- गोंद पाक → गोंद श्री
- मैसूर पाक → मैसूर श्री
यहां तक कि स्वर्ण भस्म पाक और चांदी भस्म पाक जैसे खास मिठाइयों के नाम भी बदलकर स्वर्ण श्री और चांदी श्री कर दिए गए हैं।
क्यों हुआ यह बदलाव?
इस बदलाव के पीछे मुख्य वजह देश के हाल के संवेदनशील राजनीतिक माहौल और राष्ट्रीय भावना को मजबूती देना है। खासतौर से पाक और आतंकवाद से जुड़े कुछ हालिया घटनाक्रमों के बाद, कई ग्राहक मिठाइयों के नाम में ‘पाक’ शब्द को देखकर असहज महसूस कर रहे थे।
अंजलि जैन कहती हैं, “देशभक्ति सिर्फ सीमा पर ही नहीं, हर व्यक्ति के दिल में होनी चाहिए। इसलिए हमने यह बदलाव किया ताकि हमारे ग्राहक इस भावना को महसूस कर सकें।”
जयपुर के अन्य मिठाई दुकानें भी कर रही हैं बदलाव
ट्योहाॅर स्वीट्स की इस पहल को जयपुर की कई अन्य मिठाई दुकानों ने भी अपना समर्थन दिया है। ये दुकानें भी अपने उत्पादों के नामों में ‘श्री’ जोड़ने लगी हैं, जो एक नए तरह के राष्ट्रवादी रुझान का संकेत है।
‘पाक’ शब्द की असली परिभाषा और भावनात्मक बदलाव
दरअसल, ‘पाक’ शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका मतलब होता है ‘पकाना’ या ‘तैयारी’। यह पारंपरिक मिठाई बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा है। लेकिन वर्तमान में इसे लेकर भावनाएँ बदल गई हैं।
अंजलि जैन कहती हैं, “जब हम ‘श्री’ या ‘भारत’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो हमें गर्व महसूस होता है और यह हमें अपने घर और देश से जोड़ता है।”
ट्योहाॅर स्वीट्स: जयपुर की शान
ट्योहाॅर स्वीट्स में सालभर 125 से ज्यादा मिठाइयों की विविधता उपलब्ध है। यह दुकान अपने त्योहारों और खास अवसरों के लिए नए-नए और भव्य मिठाई विकल्प लेकर आती है। इस तरह के बदलाव से यह साबित होता है कि भारत की पुरानी परंपराएं भी समय के साथ बदलती राष्ट्रवादी भावना के अनुरूप ढल सकती हैं।
निष्कर्ष
जयपुर की इस मिठाई दुकान की पहल देशभक्ति और सांस्कृतिक बदलाव का एक नया उदाहरण है। यह दिखाता है कि कैसे छोटे-छोटे बदलाव भी हमारे भावनात्मक और सामाजिक जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। यदि आप जयपुर जाएं तो ट्योहाॅर स्वीट्स की ‘श्री’ वाली मिठाइयों को ज़रूर चखें और इस नई पहचान का हिस्सा बनें।