दिल्ली: 10 नवंबर को हुए भीषण आतंकी विस्फोट पर ईरान ने 72 घंटे में दूसरी बार सख्त प्रतिक्रिया दी है। भारत का खास दोस्त माना जाने वाला ईरान लगातार इस घटना की निंदा कर रहा है और भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ मजबूत एकजुटता दिखा रहा है।
पहली प्रतिक्रिया: संवेदना और समर्थन
दिल्ली ब्लास्ट के बाद भारत स्थित ईरानी दूतावास ने सबसे पहले हमले पर गहरा शोक व्यक्त किया था। दूतावास ने कहा था कि कई भारतीय नागरिकों की मौत और घायलों की पीड़ा ईरान को अत्यंत दुख पहुंचाती है। उन्होंने सरकार, जनता और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई थी और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी।
72 घंटे में दूसरी प्रतिक्रिया: और भी सख्त लहजा
हमले के तीन दिनों के अंदर ईरान ने दोबारा बयान जारी किया, जो इस बार पहले से कहीं ज्यादा तीखा और स्पष्ट था। ईरानी दूतावास ने एक्स पर लिखा कि लालकिले के पास हुआ यह विस्फोट एक आतंकवादी हमला है, और वे इसके सभी रूपों की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने फिर से पीड़ित परिवारों और भारतीय सरकार को संवेदना प्रेषित की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
पाकिस्तान के लिए कड़ा संकेत
दिल्ली हमले के बाद पाकिस्तान के कुछ मंत्रियों ने इसे सिलिंडर ब्लास्ट बता कर हल्का करने की कोशिश की थी। इसके उलट ईरान ने इसे साफ तौर पर आतंकवाद कहा। यह कदम पाकिस्तान के लिए एक सीधा संदेश माना जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसकी बयानबाज़ी को स्वीकार नहीं कर रहा।
अमेरिका को भी मिला अप्रत्यक्ष संदेश
ईरान की सख्त प्रतिक्रिया अमेरिका के लिए भी खास मायने रखती है।
दिल्ली में हमला 10 नवंबर को हुआ था, लेकिन अमेरिका ने बयान इस्लामाबाद में हुए विस्फोट के बाद दिया। ईरान के दोहरे बयानों ने संकेत दिया कि वह भारत के साथ खड़ा है और आतंकवाद पर किसी तरह की देरी या अस्पष्टता को स्वीकार नहीं करता।
भारत-ईरान दोस्ती का मजबूत संकेत
लगातार दो बार बेहद स्पष्ट और कठोर सुर में प्रतिक्रिया देने से यह साफ दिखता है कि ईरान भारत के साथ रणनीतिक रूप से खड़ा है। यह न सिर्फ भारत के लिए समर्थन है, बल्कि दक्षिण एशिया की राजनीतिक परिस्थितियों में एक बड़ा कूटनीतिक संदेश भी है। ईरान का यह रुख बताता है कि दिल्ली धमाके को लेकर वह बेहद गंभीर है और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूत साझेदारी का संकेत देना चाहता है।





