भारत इस वर्ष कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस अवसर पर भारतीय सेना ने एक विशेष राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है, जिसके तहत वे उन 545 शहीद सैनिकों के परिवारों से मिल रही है, जिन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी थी।
इस अभियान के अंतर्गत, सेना के प्रतिनिधि वीर सैनिकों के घर जाकर उनके परिजनों को सम्मानपूर्वक स्मृति चिन्ह भेंट कर रहे हैं और उनकी यादों को सहेज रहे हैं।
शहीद कैप्टन विजयंत थापर को श्रद्धांजलि – नोएडा में परिवार से मुलाकात
इस अभियान की सबसे भावुक झलक नोएडा में देखने को मिली, जहां सेना के प्रतिनिधि शहीद कैप्टन विजयंत थापर के परिवार से मिलने पहुंचे।
- कैप्टन थापर के पिता, सेवानिवृत्त कर्नल वी.एन. थापर, ने इस पहल की सराहना की।
- उनकी मां ने सेना को बेटे का कमरा दिखाया, जिसमें आज भी उनकी यादें संजोकर रखी गई हैं।
- सेना की ओर से परिजनों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया।
कौन थे कैप्टन विजयंत थापर?
- यूनिट: 2 राजपूताना राइफल्स
- तैनाती क्षेत्र: द्रास सेक्टर, कारगिल
- ऑपरेशन: टोलोलिंग और नॉल पॉइंट पर कब्जा
- शहादत की तारीख: 28 जून 1999
- भारी गोलीबारी और कठिन हालातों के बावजूद उन्होंने दुश्मन के बंकर पर हमला किया और चोटी पर कब्जा किया।
- इस वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
शहीद सिपाही बिजेंद्र सिंह को गुड़गांव में श्रद्धांजलि
भारतीय सेना के प्रतिनिधि गुड़गांव के दौलतबाग गांव पहुंचे, जहां उन्होंने 13 कुमाऊं रेजीमेंट के वीर शहीद सिपाही बिजेंद्र सिंह के परिजनों से मुलाकात की।
- परिजनों ने सेना को उनकी रेजिमेंट का यूनिफॉर्म बैज स्मृति के रूप में सौंपा।
- बिजेंद्र सिंह ने युद्ध के दौरान दुश्मन को भारी क्षति पहुंचाई और वीरगति को प्राप्त हुए।
कारगिल वॉर मेमोरियल में विरासत को सहेजने की तैयारी
सेना इस अभियान के अंतर्गत:
- शहीदों से जुड़ी यादगार वस्तुएं इकट्ठा कर रही है
- इन वस्तुओं को द्रास स्थित कारगिल वॉर मेमोरियल में सम्मानपूर्वक प्रदर्शित किया जाएगा
मिशन: 545 शहीदों के परिवारों को सम्मानित करना
इस अभियान का उद्देश्य है:
- कारगिल युद्ध में शहीद हुए 545 सैनिकों के परिवारों तक पहुंचना
- उनके त्याग और बलिदान को अमर बनाना
- देशवासियों को यह याद दिलाना कि स्वतंत्रता की कीमत बहुत बड़ी होती है
भारतीय सेना का यह प्रयास न केवल श्रद्धांजलि है, बल्कि यह एक संवेदनशील, मानवीय और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत अभियान है। यह हमें उन सच्चे नायकों की याद दिलाता है जिन्होंने हमारी रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
“उनकी यादों को हम कभी नहीं भूलेंगे। उन्हें सलाम!”





