क्या आप सिर्फ 80C और 80D का ही सहारा लेकर टैक्स बचाते हैं? अगर हां, तो आप कई ऐसे अनछुए सेक्शन छोड़ रहे हैं जो आपका टैक्स बोझ काफी कम कर सकते हैं।
आमतौर पर टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरते समय उन्हीं पुराने सेक्शनों का सहारा लेते हैं जिन्हें हर कोई जानता है — जैसे कि 80C (LIC, PPF, ELSS) या 80D (हेल्थ इंश्योरेंस)। लेकिन सच्चाई ये है कि आयकर अधिनियम में कई ऐसे कम चर्चित प्रावधान हैं, जिनके तहत आप हजारों—यहां तक कि लाखों रुपये की टैक्स छूट पा सकते हैं।
इस लेख में हम ऐसे 10 टैक्स सेविंग हैक्स बताने जा रहे हैं, जिन्हें कम ही लोग जानते हैं लेकिन जो पूरी तरह वैध हैं और आयकर विभाग द्वारा मान्य हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में—
1. किराए पर रहते हैं लेकिन HRA नहीं मिलता? [Section 80GG]
अगर आप नौकरीपेशा नहीं हैं या ऐसी जगह काम करते हैं जहां HRA नहीं मिलता, तो आप Section 80GG के तहत किराए पर टैक्स छूट पा सकते हैं।
आपको मिल सकती है छूट:
- ₹5,000 प्रति माह
- या आपकी कुल सालाना आय का 25% (जो कम हो)
शर्तें:
- आपके पास खुद का घर नहीं होना चाहिए
- किराया रसीद रखना जरूरी है
2. गंभीर बीमारी का इलाज? [Section 80DDB]
अगर आपने या आपके किसी आश्रित ने कैंसर, किडनी फेलियर, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज कराया है, तो आप इस सेक्शन का फायदा उठा सकते हैं।
छूट की सीमा:
- आम नागरिक: ₹40,000 तक
- वरिष्ठ नागरिक: ₹1 लाख तक
जरूरी दस्तावेज:
- स्पेशलिस्ट डॉक्टर की लिखित पर्ची (Prescription)
3. दिव्यांग आश्रित की देखभाल? [Section 80DD]
अगर आपके परिवार में कोई आश्रित (बच्चा, भाई, माता-पिता) दिव्यांग है और आप उसकी देखरेख या इलाज में खर्च करते हैं, तो यह छूट आपके लिए है।
टैक्स छूट:
- सामान्य दिव्यांगता (40-80%): ₹75,000
- गंभीर दिव्यांगता (80%+): ₹1.25 लाख
4. खुद हैं दिव्यांग? [Section 80U]
अगर आप खुद दिव्यांग हैं, तो बिना किसी खर्च का सबूत दिए ही आप सीधे टैक्स छूट पा सकते हैं।
छूट:
- सामान्य: ₹75,000
- गंभीर दिव्यांगता: ₹1.25 लाख
🔍 ध्यान दें:
- 80DD: आश्रित की देखभाल पर
- 80U: स्वंय दिव्यांग होने पर
5. हायर एजुकेशन के लिए लोन लिया है? [Section 80E]
अगर आपने या आपके पैरेंट्स ने आपकी हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन लिया है, तो लोन के ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है।
मुख्य बातें:
- कोई अधिकतम सीमा नहीं
- भारत या विदेश दोनों पर लागू
- अधिकतम 8 साल तक छूट
6. पहली बार घर खरीदा है? [Section 80EE]
यदि आपने पहली बार घर खरीदा और वह खरीद 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच हुई हो, तो अतिरिक्त टैक्स छूट मिल सकती है।
शर्तें:
- घर की कीमत ≤ ₹50 लाख
- लोन ≤ ₹35 लाख
- अतिरिक्त ब्याज छूट: ₹50,000 सालाना
7. सस्ते घर के लिए लोन लिया है? [Section 80EEA]
बजट 2019 में शामिल यह प्रावधान खासतौर पर ‘अफोर्डेबल हाउसिंग’ को बढ़ावा देने के लिए लाया गया।
लाभ:
- ब्याज पर ₹1.5 लाख तक की अतिरिक्त छूट
- रजिस्ट्री वैल्यू ≤ ₹45 लाख
- लोन: 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2022 के बीच
❌ Note: यदि आपने 80EE का लाभ लिया है, तो आप 80EEA का लाभ नहीं ले सकते।
8. बैंक डिपॉजिट से ब्याज आय? [Section 80TTB – सिर्फ वरिष्ठ नागरिकों के लिए]
60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को बैंक FD, RD या सेविंग्स अकाउंट से मिलने वाले ब्याज पर ₹50,000 तक की टैक्स छूट मिलती है।
✅ सुझाव: सेविंग्स अकाउंट के ब्याज को नजरअंदाज न करें।
9. नौकरी में मिलने वाले छोटे भत्ते [Section 10(14) & Rule 2BB]
कुछ विशेष भत्ते पूरी तरह या आंशिक रूप से टैक्स-फ्री होते हैं।
उदाहरण:
- ट्रांसपोर्ट भत्ता (दिव्यांग कर्मचारियों के लिए)
- बच्चों की शिक्षा भत्ता: ₹100/माह प्रति बच्चा
- हॉस्टल भत्ता: ₹300/माह प्रति बच्चा
10. होम लोन पर ब्याज छूट [Section 24(b)]
अगर आपने खुद के रहने के लिए मकान खरीदा है और लोन लिया है, तो होम लोन के ब्याज पर सालाना ₹2 लाख तक की छूट मिल सकती है।
ध्यान देने योग्य बातें:
- घर 5 साल के भीतर तैयार हो जाना चाहिए
- प्रिंसिपल पर 80C और ब्याज पर 24(b) की अलग-अलग छूट मिलती है
🔚 निष्कर्ष: टैक्स सेविंग एक कला है
इनकम टैक्स बचाना केवल 80C तक सीमित नहीं है। थोड़ी सी रिसर्च और जागरूकता से आप अपने सालाना टैक्स बिल में भारी कटौती कर सकते हैं।
इस बार ITR फाइल करते वक्त इन कम-ज्ञात लेकिन प्रभावी टैक्स डिडक्शन पर जरूर ध्यान दें।
📌 Bonus Tips:
- सभी दावों के लिए डॉक्युमेंटेशन संभालकर रखें
- अपने इनकम टैक्स फॉर्म सही सेक्शन में भरें
- समय पर फाइल करें, जिससे कोई पेनल्टी न लगे