रिपोर्टर: जावेद खान, अंतागढ़
अंतागढ़ (कांकेर) – अंतागढ़ ब्लॉक में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर अवैध क्लिनिकों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। ये क्लिनिक न तो पंजीकृत हैं और न ही यहां काम करने वाले लोगों के पास किसी तरह की मेडिकल डिग्री या प्रमाण पत्र मौजूद हैं।
बीते दिनों सामने आए कई मामलों में गलत इलाज की वजह से मरीजों की हालत गंभीर हुई, वहीं कुछ मामलों में मौत तक हो चुकी है। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठने लगे हैं।
गोल्डन चौक स्थित डेंटल क्लिनिक में अटेंडर ही कर रहा इलाज
ताजा मामला अंतागढ़ के गोल्डन चौक का है, जहां एक डेंटल क्लिनिक में एक अटेंडर स्वयं मरीजों के दांत उखाड़ने और लगाने का काम कर रहा है। जबकि क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन किसी अन्य के नाम पर है।
जब संवाददाता ने क्लिनिक में इलाज कर रहे युवक से बात की तो उसने खुद को सिर्फ अटेंडर बताया और कहा कि मरीज आने पर नारायणपुर से डॉक्टर आते हैं, जो लगभग 50 किलोमीटर दूर है।
हालांकि मौके पर ही देखा गया कि वहीं अटेंडर खुद मरीजों का इलाज कर रहा था, और इस दौरान एक महिला मरीज का इलाज करते हुए उसका वीडियो भी बनाया गया। इस वीडियो में युवक ने गलती स्वीकार की और यह भी स्वीकारा कि उसके पास न कोई डिग्री है, न कोई मेडिकल डिप्लोमा।
नर्सिंग होम एक्ट का खुला उल्लंघन
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2013 से लागू नर्सिंग होम एक्ट के तहत अवैध क्लिनिक संचालन पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। बावजूद इसके, प्रशासन की नाक के नीचे अवैध क्लिनिक खुलेआम चल रहे हैं, जो न सिर्फ कानून का मजाक बना रहे हैं बल्कि लोगों की जान से भी खिलवाड़ कर रहे हैं।
बीएमओ से खास बातचीत
इस पूरे मामले को लेकर संवाददाता ने बीएमओ डॉ. भेषज रामटेके से खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की जानकारी मिलने पर तत्काल जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्वीकारा कि विभाग की नजर से कुछ क्लिनिक छूट जाते हैं, लेकिन जनता की मदद से ऐसे अवैध क्लिनिकों पर शिकंजा कसा जाएगा।