UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करना लाखों लोगों का सपना होता है, लेकिन इसे पूरा कर पाना केवल कुछ ही लोगों के बस में होता है। ऐसी ही एक सफलता की कहानी है आईएएस सृष्टि डबास की, जिन्होंने पहले ही प्रयास में, बिना कोचिंग के और नौकरी करते हुए भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक को पास किया। उनकी यह यात्रा समर्पण, समय प्रबंधन और कड़ी मेहनत की मिसाल है।
इस लेख में हम जानेंगे:
- उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि
- नौकरी और UPSC की तैयारी को कैसे संतुलित किया
- वह रणनीतियाँ जिन्होंने उन्हें ऑल इंडिया रैंक-6 दिलाई
- UPSC उम्मीदवारों के लिए प्रेरणादायक सीख
प्रारंभिक जीवन और शैक्षणिक उत्कृष्टता
सृष्टि डबास का जन्म 13 अक्टूबर 1998 को दिल्ली में हुआ था। बचपन से ही उन्होंने शैक्षणिक क्षेत्र में असाधारण प्रतिभा दिखाई:
- 12वीं टॉपर: दिल्ली के गंगा इंटरनेशनल स्कूल से 96.33% अंकों के साथ CBSE बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण की।
- स्नातक: दिल्ली यूनिवर्सिटी के इंद्रप्रस्थ कॉलेज से राजनीति विज्ञान में BA किया।
- पोस्ट ग्रेजुएशन: IGNOU से MA की डिग्री प्राप्त की।
पढ़ाई के अलावा, वह एक कुशल कथक नृत्यांगना भी हैं, जो साबित करता है कि UPSC टॉपर्स अक्सर बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं।
चुनौती: नौकरी के साथ UPSC की तैयारी
अधिकांश UPSC उम्मीदवारों के विपरीत, जो पूरी तरह से परीक्षा की तैयारी में जुट जाते हैं, सृष्टि ने एक अलग रास्ता चुना—उन्होंने नौकरी करते हुए तैयारी की।
उनका कार्य अनुभव
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय: शुरुआती करियर में काम किया।
- RBI, मुंबई: UPSC की तैयारी के दौरान HR ग्रेड-II अधिकारी के रूप में कार्यरत रहीं।
उनकी दिनचर्या
- दिन में नौकरी: RBI में काम करती थीं।
- रात में पढ़ाई: देर रात तक UPSC की तैयारी करती थीं।
- लंच ब्रेक का सदुपयोग: RBI की लाइब्रेरी में रिवीजन करती थीं।
“नौकरी और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाना मुश्किल था, लेकिन अनुशासन ने मुझे आगे बढ़ाया।”
UPSC 2023: पहले प्रयास में, बिना कोचिंग, AIR-6
साल 2023 में, सृष्टि ने UPSC परीक्षा दी और ऑल इंडिया रैंक (AIR)-6 हासिल की—बिना किसी कोचिंग के।
उनके अंकों का विवरण
घटक | प्राप्त अंक |
---|---|
लिखित परीक्षा | 862 |
साक्षात्कार (PT) | 186 |
कुल | 1048 |
उनकी सफलता साबित करती है कि स्व-अध्ययन, नियमितता और स्मार्ट तैयारी महंगी कोचिंग से बेहतर हो सकती है।
सफलता की मुख्य रणनीतियाँ
UPSC उम्मीदवार उनकी यात्रा से ये सीख ले सकते हैं:
1. सख्त समय प्रबंधन
- निश्चित अध्ययन घंटे: काम के बाद रोज 3-4 घंटे पढ़ाई।
- सप्ताहांत का उपयोग: वीकेंड पर लंबे समय तक अध्ययन।
2. कोचिंग पर निर्भरता नहीं
- NCERTs, मानक पुस्तकें और ऑनलाइन संसाधनों पर भरोसा किया।
- कोचिंग संस्थानों पर निर्भर नहीं रहीं।
3. स्मार्ट रिवीजन तकनीक
- हस्तलिखित नोट्स: त्वरित रिवीजन के लिए संक्षिप्त नोट्स बनाए।
- समसामयिकी: The Hindu और PIB अपडेट्स पढ़ती थीं।
4. मॉक टेस्ट और उत्तर लेखन
- पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का अभ्यास किया।
- मुख्य परीक्षा के लिए संरचित उत्तर लेखन पर ध्यान दिया।
UPSC के बाद का जीवन: आईएएस अधिकारी (2024 बैच)
आज, सृष्टि डबास 2024 IAS बैच का हिस्सा हैं और उन उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा हैं जो चुनौतियों के बावजूद UPSC पास करने का सपना देखते हैं।
UPSC उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण सीख
- नियमितता > कोचिंग: अनुशासित स्व-अध्ययन कामयाबी दिला सकता है।
- नौकरी और UPSC साथ संभव: अगर वह कर सकती हैं, तो आप भी कर सकते हैं।
- खुद पर विश्वास: सही रणनीति से पहले प्रयास में सफलता मिल सकती है।
उनकी कहानी उन सभी के लिए एक प्रेरणादायक मार्गदर्शक है जो UPSC की तैयारी के साथ-साथ अन्य जिम्मेदारियों को भी संभाल रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न: क्या सृष्टि डबास ने UPSC के लिए कोचिंग ली थी?
उत्तर: नहीं, उन्होंने बिना कोचिंग के पहले ही प्रयास में UPSC क्लियर किया।
प्रश्न: उनका वैकल्पिक विषय क्या था?
उत्तर: उन्होंने राजनीति विज्ञान को वैकल्पिक विषय चुना था।
प्रश्न: वह रोज कितने घंटे पढ़ती थीं?
उत्तर: नौकरी के बाद लगभग 3-4 घंटे, सप्ताहांत पर अधिक समय देती थीं।
उनकी कहानी से प्रेरित हुए? इस लेख को अन्य UPSC उम्मीदवारों के साथ साझा करें! 🚀
(UPSC सफलता की और कहानियों व टिप्स के लिए बने रहें!)