भारतीय वायुसेना (IAF) ने रविवार को साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। यह अभियान पहलगाम में पाकिस्तान-समर्थित आतंकियों के कायराना हमले के बाद शुरू किया गया था। शनिवार को अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की घोषणा हुई थी, लेकिन अगले ही कुछ घंटों में सीमा पर गोलीबारी और ड्रोन गतिविधियों से स्थिति फिर तनावपूर्ण हो गई।
पृष्ठभूमि: पहलगाम आतंकी हमला
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी। इस हमले के पीछे पाकिस्तान-समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ बताया गया। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसका उद्देश्य आतंकियों के अड्डों को निशाना बनाना था।
संघर्षविराम के बावजूद पाकिस्तान की नापाक हरकतें
10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की घोषणा हुई। लेकिन कुछ ही घंटों में पाकिस्तान की ओर से राजौरी सेक्टर और श्रीनगर में भारी गोलीबारी की खबरें आईं। साथ ही, ड्रोन गतिविधियां भी देखी गईं जिनमें भारत ने चार ड्रोन मार गिराए। श्रीनगर और बारामूला में विस्फोट की आवाजें सुनाई दीं जिससे दहशत फैल गई।
IAF का बयान: “ऑपरेशन अभी जारी है”
IAF ने अपने आधिकारिक X हैंडल (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, “ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। कृपया किसी भी तरह की अफवाहों या अटकलों से बचें और केवल आधिकारिक जानकारी पर विश्वास करें।” IAF ने बताया कि उसने अपने सभी मिशनों को पेशेवर और सटीक तरीके से अंजाम दिया है।
ब्रह्मोस मिसाइल और एयरस्ट्राइक
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें रफीकी, मुरिद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर, चूनियां, पस्रूर और सियालकोट जैसे स्थान शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक बयान में कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग किया गया है। इसकी ताकत का अंदाजा पाकिस्तान से पूछिए।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम को “एक खूबसूरत साझेदारी” बताया, लेकिन पाकिस्तान की ओर से हो रहे उल्लंघनों के बाद वैश्विक चिंता बढ़ गई है। सीमा पर सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं और जम्मू-कश्मीर में तलाशी अभियान और छापेमारी लगातार जारी है।
निष्कर्ष
भारतीय वायुसेना द्वारा चलाया जा रहा ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ मजबूत नीति का प्रतीक बन गया है। हालात अभी भी संवेदनशील हैं और देशवासियों को अधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा रखने की सलाह दी गई है। पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम उल्लंघन से यह साफ है कि विश्वास और समझौते अभी भी खतरे में हैं।