BY: Vijay Nandan
अंटार्कटिका की दूरस्थ शोध सुविधाओं में काम करने वाली महिलाओं को कठिन और खतरनाक हालातों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में एक अमेरिकी शोधकर्ता ने अपने डरावने अनुभव साझा किए, जिसमें उसने यौन उत्पीड़न से बचने के लिए हथौड़ा अपने पास रखा था। दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने अपने एक साथी पर हमले और धमकियों का आरोप लगाया है, जिससे वहां सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
लिज़ मोनाहन का अनुभव
लिज़ मोनाहन एक अमेरिकी शिप मैकेनिक थीं, जो मैकमर्डो बेस पर काम कर रही थीं। यह बेस दक्षिणी ध्रुव से करीब 1,500 किलोमीटर दूर है। वहां उन्हें एक सहकर्मी, न्यूज़ीलैंड के ज़क बकिंघम से डर और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। बकिंघम का शराब से जुड़ा आपराधिक इतिहास था, और उसने मोनाहन को धमकियां दीं, जैसे “जो बताएगा, उसे सजा मिलेगी।” उसने और उसके दोस्तों ने महिलाओं के खिलाफ अश्लील टिप्पणियां भी कीं। बेस के बारटेंडर कैमरन डेली-रुड्डी ने कहा कि बकिंघम की हरकतें सबके सामने थीं, और वह अक्सर शराब पीकर महिलाओं को परेशान करता था।
मोनाहन ने बताया कि वह इतना डर गई थीं कि उन्हें अपनी ब्रा में हथौड़ा छिपाकर सोना पड़ा। उन्होंने कहा, “मेरे पास खुद को बचाने के लिए कोई नहीं था। अगर वह मेरे पास आता, तो मैं उस पर हमला कर देती। मैंने तय कर लिया था कि मुझे जीवित रहना है।” उनके सीनियर्स ने सिर्फ एक गुप्त कमरा और एक दिन की छुट्टी दी, जो उनकी मदद के लिए काफी नहीं था।
अमेरिका लौटने के बाद, मोनाहन ने बेस के प्रबंधन की आलोचना की, जो उनकी और अन्य महिलाओं की सुरक्षा में नाकाम रहा। उनकी शिकायत में लिखा था, “वह मेरे लिए खतरा है। उसने मेरी जान को धमकी दी है। वह मुझे चोट पहुंचा सकता है।”

सनाए IV बेस का संकट
दक्षिण अफ्रीका के नौ वैज्ञानिक सनाए IV बेस पर हैं, जो उनके देश से 4,000 किलोमीटर दूर अंटार्कटिका के उत्तरी सिरे पर स्थित है। हाल ही में, एक शोधकर्ता ने ईमेल में बताया कि उनके एक साथी ने टीम के सदस्य पर हमला किया और जान से मारने की धमकी दी। उस पर एक अन्य शोधकर्ता के साथ यौन उत्पीड़न का भी आरोप है। खराब मौसम के कारण निकासी असंभव है, और टीम को दिसंबर तक वहां रहना होगा।
ईमेल में लिखा था, “उसका व्यवहार खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। उसने एक साथी पर हमला किया और धमकी दी, जिससे डर का माहौल है। मुझे अपनी सुरक्षा की चिंता है।” एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह विवाद एक मौसम से जुड़े कार्य को लेकर शुरू हुआ, जिसके लिए शेड्यूल बदलना पड़ा।

महिलाओं के लिए खतरा
2022 में नेशनल साइंस फाउंडेशन की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि अंटार्कटिका की बेस पर 59% महिलाओं ने उत्पीड़न या हमले का अनुभव किया, और 72% ने इसे एक बड़ी समस्या बताया। एक मामले में, एक महिला ने सहकर्मी पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया, लेकिन उसे फिर से उसी के साथ काम करना पड़ा। एक अन्य घटना में, एक फूड वर्कर ने यौन हमले की शिकायत की, लेकिन दो महीने बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया। एक अन्य महिला की बलात्कार की शिकायत को सिर्फ उत्पीड़न में बदल दिया गया।
चयन प्रक्रिया और चुनौतियां
इन दूरस्थ बेस पर काम करने के लिए शोधकर्ताओं को सख्त जांच से गुजरना पड़ता है, जिसमें बैकग्राउंड चेक, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण शामिल हैं। फिर भी, सनाए IV जैसी घटनाएं दिखाती हैं कि ये प्रक्रियाएं हमेशा प्रभावी नहीं होतीं। निकासी के लिए कम से कम दो हफ्ते लगेंगे, और वह भी मौसम ठीक होने पर ही संभव है।
अंटार्कटिका की शोध बेस पर महिलाओं और वैज्ञानिकों के लिए सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है। मोनाहन जैसे अनुभव और सनाए IV की घटनाएं बताती हैं कि प्रबंधन को बेहतर कदम उठाने की जरूरत है। ये कहानियां न सिर्फ व्यक्तिगत साहस को दर्शाती हैं, बल्कि इन कठिन परिस्थितियों में बदलाव की मांग भी करती हैं।
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