अमेरिका द्वारा ईरान की तीन परमाणु साइट्स पर किए गए हालिया हमले ने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। इस घटनाक्रम पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया तेज़ी से सामने आ रही है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक आपातकालीन विशेष सत्र में शांति की भावुक अपील की है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आपातकालीन सत्र
रविवार को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई। इस दौरान गुटेरेस ने कहा:
“हम शांति का प्रयास नहीं छोड़ सकते और ना ही हमें छोड़ना चाहिए।”
उन्होंने ईरान में बढ़ते संकट को देखते हुए तुरंत शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में कदम उठाने की अपील की।
क्षेत्र में हालात गंभीर: गुटेरेस की चेतावनी
“अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा” विषय पर अपने संबोधन में गुटेरेस ने कहा कि अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमला, इस क्षेत्र में बिगड़ती स्थिति को एक खतरनाक मोड़ की ओर ले जा रहा है।
उन्होंने यह भी जोड़ा:
“दो दिन पहले ही इसी मंच से मैंने शांति को एक मौका देने की अपील की थी। लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया। अब स्थिति और भी गंभीर हो चुकी है।”
कूटनीति की वापसी और IAEA को पूर्ण पहुँच की वकालत
गुटेरेस ने ज़ोर देकर कहा कि समाधान केवल सैन्य कार्रवाई में नहीं, बल्कि कूटनीतिक प्रयासों में है। उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर:
- एक विश्वसनीय, व्यापक और सत्यापन योग्य समझौते की मांग की
- अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) को पूर्ण और निर्बाध निरीक्षण की अनुमति देने का आह्वान किया
क्यों यह बयान महत्वपूर्ण है?
गुटेरेस का यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। ऐसे समय में शांति की वकालत न केवल पश्चिम एशिया, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक ज़रूरी संदेश है।
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युद्ध नहीं, समाधान चाहिए
गुटेरेस का साफ संदेश है कि संघर्ष किसी समस्या का समाधान नहीं है। अब समय है कि दुनिया कूटनीति, संवाद और विश्वास पर आधारित समाधान की ओर बढ़े। क्योंकि जैसा उन्होंने कहा — “हम शांति का मार्ग नहीं छोड़ सकते।”