भारत के पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शोक प्रकट किया है। व्हाइट हाउस ने शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का एक बयान जारी किया, जिसमें बाइडेन ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताया। बाइडेन ने कहा कि जिल और मैं भारत के लोगों के साथ भारत के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं। संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच आज जो अभूतपूर्व सहयोग है, वह मनमोहन सिंह की रणनीतिक दृष्टि और राजनीतिक साहस के बिना संभव नहीं होता। अमेरिका और भारत सिविल न्यूक्लियर एग्रीमेंट से लेकर इंडो-पैसिफिक साझेदारों के बीच पहले क्वाड की शुरुआत तक मनमोहन सिंह ने ऐसी ऐतिहासिक प्रगति की दिशा में मार्ग प्रशस्त किया जो हमारे देशों और दुनिया को आने वाली पीढ़ियों तक मजबूत बनाए रखेंगी। बाइडेन ने मनमोहन सिंह को एक सच्चे राजनेता, एक समर्पित सार्वजनिक सेवक और एक दयालु और विनम्र व्यक्ति बताया है।
कहा-भारत-अमेरिका संबंध किए मजबूत, वह सच्चे राजनेता, दयालु और विनम्र व्यक्ति थे
उन्होंने मनमोहन के साथ अपनी व्यक्तिगत मुलाकातों को याद करते हुए कहा कि मुझे 2008 में सिनेट विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष के रूप में और 2009 में उपराष्ट्रपति के रूप में उनके आधिकारिक राज्य दौरे के दौरान मनमोहन सिंह से मिलने का अवसर मिला था। 2013 में उन्होंने मेरा नई दिल्ली में ससम्मान स्वागत किया। हमने उस समय अमेरिका-भारत संबंध को मजबूत करने के लिए चर्चा किया था। बाइडेन ने कहा कि जिल और मैं पूर्व प्रथम महिला गुरशरण कौर उनके तीनो बच्चों और भारत के सभी लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। मनमोहन सिंह को 1991 में नरसिम्हा राव की सरकार के दौरान किए गए ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों के लिए जाना जाता है। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया और लाइसेंस राज को समाप्त कर दिया। पीएम के रूप में डॉ मनमोहन सिंह ने देश को परिवर्तनकारी बदलावों के एक दशक के दौरान नेतृत्व किया, जिससे उनका कार्यकाल जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद कांग्रेस के प्रधानमंत्री के रूप में सबसे लंबा बन गया। उनके नेतृत्व में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, आरटीआई और आरटीई जैसे ऐतिहासिक कानूनों की शुरुआत की। इन कानूनों का लाखों लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा। मनमोहन सिंह का एक प्रतिष्ठित प्रशासनिक करियर भी रहा है। उन्होंने 1982 से 1985 तक आरबीआई के गवर्नर के रूप में कार्य किया। 1987 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। मनमोहन सिंह ने इस साल की शुरुआत में सक्रिय राजनीति से संन्यास लिया और राज्यसभा के सदस्य के रूप में 33 सालों के अपने गौरवमयी कार्यकाल को खत्म किया।