किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर फिर से दिल्ली के लिए कूच कर चुके है। जिसको लेकर प्रशासन ने दिल्ली के बॉर्डर पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम कर दिए है। बता दें कि किसानों का मार्च सोमवार दोपहर 12 बजे से महामाया प्लाईओवर के पास से शुरू होगा और पैदल दिल्ली की ओर बढ़ेगा। इस दौरान हजारों की तादात में किसान शामिल होंगे। दिल्ली पहुंचकर किसान नए कृषि कानून में बदलाव को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। ज्ञात को कि पूर्व में भी किसानों ने धरना प्रदर्शन किया था जो कि काफी लंबा चला और इस विरोध प्रर्दशन में कई किसानों की मृत्यु तक हुई थी। इन्हीं सब को देखते हुए प्रशासन ने पहले से सुरक्षा के इंतजाम कर लिए है।
यह है किसानों की मांग
भारतीय किसान परिषद नेता सुखबीर खलीफा ने रविवार को घोषणा की थी कि संसद परिसर तक मार्च नए कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और लाभ की मांग को लेकर सोमवार 2 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से विरोध प्रदर्शन करेंगे। आंदोलन करने वाले किसान संगठन जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को 10 फीसदी विकसित प्लॉट और नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ देने की मांग उठा रहे हैं। किसानों की पांच मांगे हैं जिसमें पुराने अधिग्रहण कानून के तहत 10 प्रतिशत भूखंडों का आवंटन और 64.7 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए। भूमिधर, भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्विकास के लाभ दिए जाएं। हाई पावर कमेटी की सिफारिशें लागू की जाएं। आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाए, ये सारे निर्णय शासन स्तर पर लिए जाने हैं। किसानों को रोजगार एवं पुनर्वास का लाभ दिया जाए। हाई पावर कमेटी द्वारा पारित मुद्दों पर शासनादेश जारी किया जाए और आबादी वाले क्षेत्रों का उचित बंदोबस्त किया जाए।
एनसीआर क्षेत्र में बढ़ी सुरक्षा
अपनी मांगों को लेकर हजारों की तादात में किसान दिल्ली कूच कर रहे है। जिसमें भारतीय किसान परिषद, किसान मजदूर मोर्चा, संयुक्त किसान मोर्चा सहित अन्य संगठन शामिल है। कानूनों का विशाल समूह दिल्ली पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करेंगा। जिसके चलते पुलिस ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के बॉर्डरों पर सुरक्षा चाक चैबंद कर दी है।