रिपोर्टर: विष्णु गौतम
जेवर और नकदी बरामद
दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के वैशाली नगर थाना क्षेत्र में चोरी की एक बड़ी वारदात का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। हैरानी की बात यह है कि इस वारदात का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि पीड़ित परिवार का साढ़ू भाई ही निकला। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरा आरोपी अब भी फरार है।
छुट्टी में गए थे घर वाले, मौका पाकर की गई चोरी
भिलाई नगर सीएसपी सत्य प्रकाश तिवारी ने जानकारी दी कि प्रार्थी टिकरू महानंद अपने पूरे परिवार के साथ 8 जून 2025 को पुरी यात्रा पर गए हुए थे। घर रामनगर, वैशाली नगर में बंद था और मुख्य दरवाजे पर ताला लगा था।
10 जून को उनके चाचा के बेटे ने उन्हें फोन कर सूचना दी कि घर का ताला टूटा हुआ है। जब टिकरू मौके पर पहुंचे तो देखा कि मुख्य दरवाजे और अंदर की अलमारी व लॉकर तोड़े जा चुके हैं। अलमारी में रखे 11 हजार रुपये नकद और सोने-चांदी के जेवरात गायब थे। चोरी की कुल कीमत करीब 6 लाख रुपये आंकी गई है।
पुलिस ने शुरू की जांच, आरोपी पकड़ा गया
प्रार्थी की शिकायत पर पुलिस ने अपराध क्रमांक 174/2025, धारा 331(4), 305 बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि एक व्यक्ति सोने-चांदी के जेवर बेचने ग्राहक की तलाश में घूम रहा है।
सूचना के आधार पर पुलिस ने एम. मोहन राव नामक संदिग्ध को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने जो बताया वह चौंकाने वाला था।
साजिश रचने वाला निकला साढ़ू भाई
एम. मोहन राव ने कबूल किया कि उसके साढ़ू भाई धनराज महानंद उसी मकान में रहता है और उसे पता था कि घर में जेवरात रखे गए हैं। उसने यह जानकारी अपने बचपन के दोस्त मोहन राव के साथ साझा की और दोनों ने मिलकर चोरी की साजिश रची।
10 जून की रात उन्होंने घर में घुसकर ताले और लॉकर तोड़े और जेवर व नकदी चोरी कर ली। बाद में चोरी का सामान एम. मोहन राव ने अपने घर में छिपाकर रखा था। पुलिस ने जब उसके घर की तलाशी ली तो सभी जेवरात और नगदी बरामद कर ली गई।
एक आरोपी फरार, तलाश जारी
पुलिस ने मुख्य आरोपी एम. मोहन राव को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि धनराज महानंद अब भी फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है।





