रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। बीते शनिवार को श्योपुर जिले की बड़ौदा तहसील में स्थित परीक्षण केंद्र से स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म की पहली सफल उड़ान का परीक्षण किया गया। यह अत्याधुनिक एयरशिप, आगरा स्थित एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट द्वारा विकसित की गई है।
यह एयरशिप लगभग 17 किलोमीटर की ऊंचाई तक एक उपकरणयुक्त पेलोड के साथ सफलतापूर्वक उड़ाई गई। इसकी उड़ान कुल 62 मिनट तक चली और मिशन के समापन पर इस प्रणाली को सुरक्षित रूप से वापस लाया गया।
इस उपलब्धि पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रणाली भारत की पृथ्वी अवलोकन, खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही (ISR) क्षमताओं को और भी अधिक सशक्त बनाएगी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस तकनीक की सफलता भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल करती है, जिन्होंने इस तरह की तकनीकी क्षमताओं को स्वदेशी रूप से विकसित किया है।
DRDO के अध्यक्ष एवं रक्षा अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. समीर वी. कामत ने भी इस परियोजना में शामिल वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सफल परीक्षण एक प्रोटोटाइप के रूप में बेहद अहम है, क्योंकि यह दिखाता है कि हल्के-से-हवा वाले एयरशिप सिस्टम अब लंबे समय तक स्ट्रैटोस्फियर की ऊंचाई पर काम करने में सक्षम हो सकते हैं। यह रक्षा तकनीक के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
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