रिपोर्ट: वैभव चौधरी, धमतरी |
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए प्रति वर्ष शिक्षक सेवा प्रदाताओं की नियुक्ति की जाती थी, लेकिन युक्तियुक्तकरण (Rationalization) के बाद अब अधिकांश स्कूलों में नियमित शिक्षक पदस्थ हो चुके हैं। इसके चलते बड़ी संख्या में शिक्षक सेवा प्रदाता अब बेरोजगार हो गए हैं।
सेवा समाप्त, बेरोजगारी का संकट
धमतरी जिले में सितंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक 8 माह की सेवा अवधि में इन शिक्षकों ने जिले के विभिन्न स्कूलों में कार्य किया। वर्ष 2024-25 सत्र में भी कई स्कूलों में उनकी सेवाएं ली गईं। शिक्षक सेवा प्रदाताओं का कहना है कि उन्होंने पूरी तन्मयता और जिम्मेदारी के साथ बच्चों को शिक्षा दी, लेकिन अब 2025-26 के सत्र में उन्हें सेवा से बाहर कर दिया गया है, जिससे वे आर्थिक संकट में हैं।
रिक्त पदों पर फिर से मिले मौका – सेवा प्रदाताओं की मांग
सेवा प्रदाताओं ने प्रशासन से मांग की है कि जिन स्कूलों में युक्तियुक्तकरण के तहत नियमित शिक्षक नियुक्त हो गए हैं, वहां से हटाए गए शिक्षक सेवा प्रदाताओं को उसी विकासखंड के अंतर्गत अन्य रिक्त विद्यालयों में पुनः सेवा का अवसर दिया जाए।
उन्होंने विशेष रूप से नगरी, कुरूद और मगरलोड विकासखंड में रिक्त पदों पर पुनर्नियुक्ति की मांग की है।
मानदेय भुगतान में देरी से नाराजगी
शिक्षक सेवा प्रदाताओं ने यह भी आरोप लगाया कि सत्र 2024-25 के अप्रैल माह का मानदेय अब तक उन्हें नहीं दिया गया है, जिससे उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आने वाले सत्र 2025-26 में समय पर मानदेय देने की भी मांग रखी है।
प्रशासन ने भेजा प्रस्ताव
फिलहाल, धमतरी जिला प्रशासन ने शिक्षक सेवा प्रदाताओं की मांगों को शिक्षा विभाग को भेज दिया है। प्रशासन का कहना है कि विभागीय स्तर पर समीक्षा के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। लेकिन शिक्षक सेवा प्रदाता आशा कर रहे हैं कि उन्हें फिर से शिक्षा सेवा में जोड़ा जाएगा।