भोपाल | मध्य प्रदेश में साइबर जालसाजों ने ठगी का नया तरीका अपनाया है। अब वे कलेक्टरों के नाम और तस्वीर का इस्तेमाल कर अधिकारियों से पैसे की मांग कर रहे हैं। बीते एक हफ्ते में ऐसे दो मामले सामने आए हैं — एक खरगोन कलेक्टर IAS भव्या मित्तल और दूसरा धार कलेक्टर IAS प्रियंक मिश्र के नाम से।
कलेक्टर बनकर भेजे मैसेज, डीपी पर लगाई फोटो
धार जिले के डही ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) को अज्ञात नंबर +84916423486 से एक व्हाट्सऐप मैसेज मिला। मैसेज में खुद को कलेक्टर प्रियंक मिश्र बताया गया था और प्रोफाइल फोटो में उनकी तस्वीर लगी थी। शुरुआत में बीएमओ को उस पर भरोसा हो गया, लेकिन मैसेज की भाषा देखकर शक हुआ। उन्हें अंदेशा हुआ कि यह कोई साइबर ठग है जो कलेक्टर बनकर ठगी की कोशिश कर रहा है।
विदेशी नंबर से चल रही ठगी
बीएमओ ने तुरंत मामले की जानकारी कुक्षी एसडीएम विशाल धाकड़ को दी। जांच में सामने आया कि यह नंबर विदेशी नेटवर्क (विदेश से संचालित) का था। एसडीएम ने बीएमओ को नंबर ब्लॉक करने और जिले के अन्य अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। इस सतर्कता की वजह से बीएमओ किसी बड़े धोखे से बच गईं।
खरगोन कलेक्टर के नाम से भी मांगे गए पैसे
इसी तरह कुछ दिन पहले खरगोन कलेक्टर IAS भव्या मित्तल के नाम से कई अधिकारियों को व्हाट्सऐप मैसेज भेजे गए थे। इनमें लिखा था –
“मैं मीटिंग में हूं, तुरंत भुगतान करना है। कृपया इस खाते में पैसे जमा करें।”
इन मैसेज में एक बैंक अकाउंट नंबर भी दिया गया था। जब इसकी जानकारी कलेक्टर की ओर से पुलिस अधीक्षक रवींद्र वर्मा को दी गई, तो जांच में पता चला कि नंबर वियतनाम से संचालित हो रहा था।
साइबर पुलिस ने जारी की चेतावनी
साइबर क्राइम शाखा ने इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है। एसीपी सुजीत तिवारी ने बताया कि कई लोगों के मोबाइल से जुड़े व्हाट्सऐप और बैंकिंग ऐप्स तक ठगों ने पहुंच बना ली है।जांच में पाया गया कि ठग लोगों को *21*<मोबाइल नंबर># जैसे कोड डायल करने के लिए कहते हैं। ऐसा करने से फोन कॉल, मैसेज और डेटा किसी तीसरे व्यक्ति तक ट्रांसफर हो जाता है।





