देश में एक बार फिर कोविड-19 के मामले बढ़ने लगे हैं। सक्रिय मामलों की संख्या अब 1828 हो चुकी है और 15 लोगों की मौत हो चुकी है। चिंता की बात यह है कि अकेले महाराष्ट्र में 6 मौतें दर्ज की गई हैं, जो देशभर में सबसे अधिक हैं।
इस लेख में आपको मिलेंगे भारत में कोरोना के वर्तमान हालात, राज्यवार स्थिति, नए वैरिएंट्स की जानकारी, विशेषज्ञों की राय और सावधानी बरतने के उपाय।
राज्यवार स्थिति: कहां कितने केस और मौतें
नीचे दी गई तालिका में कोरोना के मौजूदा मामलों और मौतों की स्थिति को दर्शाया गया है:
राज्य | मौतें | सक्रिय केस |
---|---|---|
महाराष्ट्र | 6 | 385 |
केरल | 2 | 430 |
कर्नाटक | 2 | 126 |
उत्तर प्रदेश | 2 | 40 |
राजस्थान | 2 | 22 |
मध्य प्रदेश | 1 | 9 |
महाराष्ट्र सरकार ने संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए ILI (Influenza Like Illness) और SARI (Severe Acute Respiratory Infection) सर्वे शुरू किया है।
गुजरात और केरल में हालात
- गुजरात: गुरुवार को 6 नए मामले सामने आए। इनमें एक 8 महीने की बच्ची को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है।
- केरल: राज्य में सक्रिय मामले 727 हो चुके हैं। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने जानकारी दी कि यहां Omicron JN वैरिएंट (LF.7) के मामले सामने आ रहे हैं।
भारत में मिले 4 नए कोविड वैरिएंट
ICMR (Indian Council of Medical Research) के अनुसार देश में चार नए कोरोना वैरिएंट्स की पहचान हुई है:
- LF.7
- XFG
- JN.1
- NB.1.8.1
इन वैरिएंट्स की पहचान दक्षिण और पश्चिम भारत में की गई है। वैज्ञानिक इनका जीनोमिक सीक्वेंसिंग कर रहे हैं ताकि संक्रमण के स्वरूप को समझा जा सके।
NB.1.8.1 के स्पेशल म्यूटेशन
इस वैरिएंट में A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन पाए गए हैं, जो इसे:
- तेजी से फैलने योग्य बनाते हैं
- पूर्व वैक्सीन से बनी इम्युनिटी को चकमा देने में सक्षम बनाते हैं
JN.1 बना भारत में सबसे आम वैरिएंट
वर्तमान टेस्टिंग डाटा के अनुसार:
- JN.1 वैरिएंट: 50% से अधिक मामलों में मिला
- BA.2 वैरिएंट: 26% मामलों में
- ओमिक्रॉन सबलाइनेज: 20% मामलों में
इन सबके कारण संक्रमण की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।
एक्सपर्ट्स की राय: घबराएं नहीं, सतर्क रहें
प्रो. मणींद्र अग्रवाल (IIT कानपुर):
“2022 के बाद नए वैरिएंट्स से केस बढ़े जरूर हैं, लेकिन गंभीरता नहीं आई। इस बार भी वैसा ही लग रहा है।”
प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे (BHU):
- वैक्सीनेटेड लोगों को भी सावधानी बरतनी चाहिए।
- नई वैरिएंट्स पर वैक्सीन का प्रभाव सीमित है।
- वैक्सीन की इम्यूनिटी पूरी तरह कमजोर नहीं हुई है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है।
- अगर चौथी लहर आती है तो इसका असर 21 से 28 दिन तक रहेगा।
- यह दूसरी लहर जैसी जानलेवा नहीं होगी।
WHO की स्थिति: वैश्विक स्तर पर खतरा नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इन नए वैरिएंट्स को “वॉच कैटेगरी” में रखा है। यानी अभी ये खतरनाक नहीं माने गए हैं, लेकिन इन पर नजर रखी जा रही है। चीन और अन्य एशियाई देशों में भी यही वैरिएंट्स फैलते दिख रहे हैं।
सावधानी बरतें, अफवाहों से बचें
हालात चिंताजनक नहीं हैं, लेकिन सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है:
- मास्क पहनें, खासतौर पर भीड़भाड़ वाली जगहों पर
- हाथों को बार-बार धोएं या सैनिटाइज करें
- लक्षण दिखने पर RT-PCR टेस्ट कराएं
- बूस्टर डोज लगवाएं
निष्कर्ष: सचेत रहें, सुरक्षित रहें
भारत में कोविड-19 की नई लहर की संभावना को देखते हुए जरूरी है कि हम डरें नहीं, लेकिन सतर्क रहें। सरकार और विशेषज्ञ दोनों ही कह रहे हैं कि स्थिति अभी नियंत्रण में है।
नए वैरिएंट्स पर नजर रखी जा रही है और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच आपकी सचेतनता ही आपकी सबसे बड़ी सुरक्षा है।