BY: Yoganand Shrivastva
भोपाल: नवरात्र शुरू होने से पहले मध्य प्रदेश में गरबा उत्सव को लेकर नया विवाद सामने आया है। कई हिंदू संगठनों के साथ भाजपा के विधायक, सांसद और मंत्री अब गैर हिंदुओं के गरबा पंडालों में प्रवेश पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर समितियों ने नए नियम भी बना दिए हैं।
हिंदू संगठनों की अपील
हिंदू संगठनों का कहना है कि गरबा पंडालों में केवल सनातनी परंपरा से जुड़े लोगों को ही प्रवेश दिया जाए।
- भोपाल हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने सुझाव दिया है कि पंडालों के बाहर भगवान विष्णु के वराह अवतार की तस्वीर लगाई जाए।
- उन्होंने कहा कि प्रवेश से पहले हर व्यक्ति को तस्वीर के सामने नमन कर तिलक लगाना होगा, जिससे गैर हिंदुओं की पहचान हो सके।
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
- सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि अब सिर्फ औपचारिक रूप से तिलक या कलावा बांधकर आने वालों को अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर कोई गलत मंशा से आया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
- विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी कहा कि गरबा पंडालों में गैर हिंदुओं को एंट्री नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर कोई आए तो अपने परिवार के साथ आए और हिंदू धर्म की परंपराओं का सम्मान करे।
मंत्री का बयान
राज्य के मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने भी साफ कहा कि गरबा उत्सव मां दुर्गा की भक्ति का पर्व है और इसमें सिर्फ वही लोग शामिल हों जो सनातन संस्कृति और परंपरा का पालन करते हैं।
समितियों ने बनाए नए नियम
भोपाल की भोजपाल समिति सहित कई आयोजक समितियों ने प्रवेश के लिए नियम कड़े कर दिए हैं:
- तिलक और कलावा बांधकर आने वालों को ही एंट्री।
- पहचान के लिए आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज दिखाना अनिवार्य।
विवाद पर सवाल
गरबा आयोजन को लेकर हिंदू संगठनों और नेताओं की सख्ती ने उत्सव का रंग धार्मिक से राजनीतिक बना दिया है। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या नवरात्र का यह पावन पर्व सिर्फ भक्ति और संस्कृति तक सीमित रहेगा या फिर “गरबा जिहाद” के नाम पर नई राजनीति का हिस्सा बन जाएगा।





