डेटा लीक रोकने के लिए लगाया यात्रा प्रतिबंध
चीन की चर्चित AI स्टार्टअप DeepSeek ने अपने प्रमुख कर्मचारियों के पासपोर्ट जब्त कर लिए हैं ताकि संवेदनशील जानकारी लीक होने से रोकी जा सके। द वर्ज की AI रिपोर्टर काइली रॉबिन्सन के अनुसार, यह खबर द इंफॉर्मेशन की एक रिपोर्ट पर आधारित है, जिसमें दावा किया गया है कि DeepSeek के इंजीनियरों पर यात्रा प्रतिबंध लगाए गए हैं। इस कदम का उद्देश्य व्यापारिक और संभावित रूप से सरकारी गोपनीय जानकारियों को सुरक्षित रखना है।
DeepSeek: चीन की ‘राष्ट्रीय संपत्ति’
DeepSeek ने हाल ही में अपना AI मॉडल R1 लॉन्च किया था, जिसे दुनिया का सबसे शक्तिशाली और लागत प्रभावी AI मॉडल माना गया। इसकी क्षमताओं में चैटबॉट्स, कंटेंट जनरेशन और अन्य AI-आधारित टूल शामिल हैं। यह मॉडल तेजी से लोकप्रिय हुआ और चीन के प्रमुख ऐप स्टोर्स पर नंबर 1 स्थान पर पहुंच गया, जिससे इसे चीन में ‘राष्ट्रीय संपत्ति’ (National Treasure) का दर्जा मिल गया।
पासपोर्ट जब्ती और यात्रा प्रतिबंध क्यों?
रिपोर्ट के अनुसार, DeepSeek के इंजीनियरों को अपने चीन पासपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है। इस फैसले के पीछे मुख्य कारण यह बताया गया है कि कंपनी की गोपनीय जानकारी विदेशों में लीक न हो। रिपोर्ट में तीन गुमनाम सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस डेटा में व्यापारिक रहस्य और संभावित रूप से राज्य के रहस्य भी शामिल हो सकते हैं।
ग्लोबल AI प्रतिस्पर्धा और सुरक्षा चिंताएं
DeepSeek की यह कार्रवाई ऐसे समय में आई है जब वैश्विक स्तर पर AI क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा तेजी से बढ़ रही है। चीन, अमेरिका और यूरोप में AI कंपनियां लगातार उन्नत मॉडल विकसित कर रही हैं, जिससे बौद्धिक संपदा (Intellectual Property) की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन गई है। OpenAI और Google DeepMind जैसी कंपनियों के खिलाफ DeepSeek ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, जिससे इसकी ग्लोबल लीडरशिप पर खतरा बढ़ गया है।
भविष्य की संभावनाएं
DeepSeek का यह कदम AI सुरक्षा और डेटा प्रोटेक्शन के नए मानक स्थापित कर सकता है। हालांकि, कर्मचारियों पर लगाए गए ये प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को लेकर सवाल भी खड़े कर सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि DeepSeek इस मुद्दे को कैसे संभालता है और क्या अन्य AI कंपनियां भी ऐसे ही सुरक्षा उपाय अपनाएंगी।