कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली कंपनी पर भी FIR दर्ज
by: vijay nandan
छिंदवाड़ाछ: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप पीने के बाद 11 मासूम बच्चों की मौत के मामले ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। अब तमिलनाडु की लैब से आई जांच रिपोर्ट में जहरीले रसायन (DEG) की उच्च मात्रा मिलने से प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
आधी रात डॉक्टर की गिरफ्तारी, CM के निर्देश पर सस्पेंशन
घटना के बाद परासिया में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को पुलिस ने देर रात गिरफ्तार किया। स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए उन्हें बीएनएस (BNS) और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत मुकदमे में नामजद किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश पर डॉक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर जबलपुर के क्षेत्रीय स्वास्थ्य कार्यालय में अटैच कर दिया गया है। सीएम ने कहा कि “बालकों की जान से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

सरकारी डॉक्टर पर निजी क्लिनिक चलाने का आरोप
सूत्रों के अनुसार, डॉ. सोनी पर यह आरोप है कि सरकारी सेवा में रहते हुए भी वे निजी क्लिनिक संचालित कर रहे थे।
यही से उन्होंने बच्चों को वह कफ सिरप लिखी, जिसमें जहरीले तत्व पाए गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि सिरप पीने के बाद कई बच्चों की हालत अचानक बिगड़ी और इलाज के दौरान एक-एक कर उनकी मौत हो गई।
तमिलनाडु लैब की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
सिरप के सैंपल जांच के लिए तमिलनाडु की सरकारी लैब में भेजे गए थे। रिपोर्ट में पाया गया कि सिरप में 46.2% डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मौजूद था। यह वही केमिकल है जो किडनी को नुकसान पहुंचाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, DEG के सेवन से किडनी फेल्योर और न्यूरोलॉजिकल रिएक्शन जैसी गंभीर स्थितियां उत्पन्न होती हैं। इसी जहरीले तत्व की वजह से बच्चों की हालत लगातार बिगड़ती चली गई।
सीएम ने जताया दुख, पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख की सहायता
घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने मृतक बच्चों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही सीएम ने सभी जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि असुरक्षित कफ सिरप की बिक्री पर तुरंत रोक लगाई जाए।
देशभर में फैली चिंता, केंद्र ने जारी की एडवाइजरी
छिंदवाड़ा और राजस्थान में ऐसे मामलों के सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने भी सतर्कता निर्देश (Advisory) जारी की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न देने की सख्त हिदायत दी है। ड्रग कंट्रोल विभाग को भी सिरप के उत्पादन, वितरण और बिक्री की तत्काल जांच के आदेश दिए गए हैं। फिलहाल राज्य की विशेष जांच टीम (SIT) इस मामले की तहकीकात कर रही है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि सिरप की सप्लाई चेन कहां से जुड़ी थी और किन फार्मा कंपनियों ने इसे निर्मित किया। सरकार का कहना है कि “दोषियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा पर सख्त एक्शन की तैयारी
मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद अब कोल्ड्रिफ (Coldrif) कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्री सन फार्मास्युटिकल्स पर बड़ी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) इस दवा के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। पिछले 32 दिनों में इस सिरप से 16 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है, जिनकी उम्र 1 से 5 वर्ष के बीच बताई जा रही है। हालांकि प्रशासनिक तौर पर फिलहाल 11 मौतों की आधिकारिक पुष्टि की गई है।





