मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में 1320 मेगावाट क्षमता के नए संयंत्र का शुभारंभ प्रदेश की उपलब्धि को और मजबूत करेगा। छत्तीसगढ़ की बिजली उत्पादन क्षमता 2000 में 1400 मेगावाट से बढ़कर अब 30,000 मेगावाट हो गई है। यह वृद्धि प्रदेश के हर नागरिक की मेहनत और विश्वास का परिणाम है।
- फ्री बिजली योजना: पीएम सूर्य घर योजना के तहत छत्तीसगढ़ में मुफ्त बिजली का लाभ दूर-दराज के इलाकों तक पहुंच रहा है।
- आने वाले वर्षों में वृद्धि: नई उद्योग नीति के तहत लगभग 3 लाख करोड़ रुपये के एमओयू से 30,000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पादन संभव होगा।
नया संयुक्त पावर कंपनीज मुख्यालय: आधुनिकता और समन्वय का केंद्र
नवा रायपुर सेक्टर-24 में बनने वाला यह नौ मंजिला भवन 10,017 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला होगा। इसमें तीन पावर कंपनियों के लिए अलग-अलग टॉवर होंगे, जो समन्वय और कार्यकुशलता को बढ़ाएंगे।
भवन की खासियतें:
- 1300 कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल
- 210 सीटों वाला प्रेक्षागृह
- जिम और दो मंजिला बेसमेंट पार्किंग
- मैकेनिकल स्टैक पार्किंग और ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन
- बीईई की पाँच सितारा और गृहा की फाइव स्टार ग्रीन रेटिंग
- ग्रीन एनर्जी आधारित निर्माण

यह भवन ऊर्जा क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की नई पहचान बनेगा और मंत्रालय, संचालनालय व पुलिस मुख्यालय के समीप होने से विभागीय समन्वय को भी मजबूती देगा।
वैश्विक स्तर पर छत्तीसगढ़ की प्रगति
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की हाल की जापान और दक्षिण कोरिया यात्रा ने प्रदेश की वैश्विक स्तर की अधोसंरचना और कार्यसंस्कृति को बेहतर बनाने की दिशा में प्रेरणा दी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि भवन का निर्माण गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ पूरा किया जाए।
छत्तीसगढ़ की ऊर्जा यात्रा: 25 वर्षों में बड़ा बदलाव
- 2000 में: 1400 मेगावाट बिजली उत्पादन
- 2025 में: 30,000 मेगावाट बिजली उत्पादन
- भविष्य: 30,000 मेगावाट अतिरिक्त उत्पादन की योजना
यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़वासियों को 24 घंटे निर्बाध बिजली उपलब्ध कराएगी, बल्कि पड़ोसी राज्यों की भी ऊर्जा जरूरतें पूरी करेगी।
छत्तीसगढ़ की ऊर्जा क्षेत्र में नई ऊँचाई
छत्तीसगढ़ अब फ्री बिजली की ओर तेजी से बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश ने ऊर्जा उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि की है। नया संयुक्त पावर कंपनीज मुख्यालय इस विकास की मिसाल बनेगा, जो आधुनिक तकनीक और ग्रीन एनर्जी पर आधारित होगा। यह पहल छत्तीसगढ़ को न केवल ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि प्रदेश के हर नागरिक के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।