इंदौर की रहने वाली पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने भीम आर्मी प्रमुख और सांसद चंद्रशेखर आज़ाद पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर खुद को ‘विक्टिम नंबर 3’ बताते हुए चंद्रशेखर और उनके परिवार पर शोषण और भावनात्मक उत्पीड़न के आरोप लगाए।
सोशल मीडिया पर इंसाफ की गुहार
डॉ. रोहिणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अपने अनुभव साझा करते हुए लिखा:
“मैं चंद्रशेखर की तीसरी शिकार हूं। उसने और उसके परिवार ने मेरे साथ वही किया जो इससे पहले अन्य लड़कियों के साथ किया गया। अब मैं सारी बेटियों को इंसाफ दिलाऊंगी।”
रोहिणी का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और लोगों की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है।
कौन हैं डॉ. रोहिणी घावरी?
- पृष्ठभूमि: इंदौर के बीमा अस्पताल में कार्यरत एक सफाईकर्मी की बेटी।
- शिक्षा: 2019 में उच्च शिक्षा के लिए स्विट्ज़रलैंड गई थीं।
- पेशेवर उद्देश्य: इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन से जुड़कर सफाईकर्मियों की आवाज़ को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाना चाहती थीं।
- रिलेशनशिप: चंद्रशेखर से 2019 में मुलाकात हुई और लगभग साढ़े तीन साल तक दोनों रिश्ते में रहे।
कब और कैसे बिगड़े रिश्ते?
- नवंबर 2023 से चंद्रशेखर का बर्ताव अचानक बदल गया।
- डॉ. रोहिणी ने बताया कि सांसद बनने से पहले तक उनका व्यवहार ठीक था, लेकिन उसके बाद उन्होंने उन्हें नजरअंदाज करना शुरू कर दिया।
- उन्होंने आरोप लगाया कि चंद्रशेखर ने उनका राजनीतिक रूप से इस्तेमाल किया और फिर छोड़ दिया।
रोहिणी की आपबीती: “इस्तेमाल करके छोड़ दिया”
“तीन साल तक जिस व्यक्ति ने मुझसे सपने दिखाए, वो अचानक बदल गया। कहता था, अगर राजनीति में नहीं चला तो स्विट्ज़रलैंड आ जाऊंगा। आज सोचती हूं, मेरी जिंदगी के साथ सिर्फ खिलवाड़ किया गया।”
डॉ. रोहिणी ने यह भी बताया कि वह इस रिश्ते की वजह से स्विट्ज़रलैंड की जिंदगी से पूरी तरह कट गईं और भारतीय सामाजिक आंदोलनों में खुद को झोंक दिया।
आत्मसम्मान की लड़ाई: “अब चुप नहीं बैठूंगी”
“ये चोट मेरे आत्मसम्मान पर है। अब मुझे अपने हाथ गंदे करने ही पड़ेंगे ताकि समाज को बचा सकूं।”
रोहिणी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अब खुद राजनीति में नहीं आना चाहतीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने के लिए सामाजिक कार्य करना चाहती हैं।
‘जन-पावर फाउंडेशन’ की शुरुआत
डॉ. रोहिणी ने हाल ही में ‘जन-पावर फाउंडेशन’ की स्थापना की है, जो शिक्षा और करियर गाइडेंस के क्षेत्र में काम करेगा।
फाउंडेशन के उद्देश्य:
- 12वीं पास छात्रों को IIT, IIM और UPSC जैसी परीक्षाओं की तैयारी में मार्गदर्शन।
- समाज के हर वर्ग को जोड़ना।
- जून 2025 में जन-पावर ऐप लॉन्च किया गया।
- जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में भी टीम सक्रिय है।
- अब तक 10,000+ युवा इस अभियान से जुड़ चुके हैं।
चंद्रशेखर आज़ाद की चुप्पी
रोहिणी के आरोपों पर अभी तक सांसद चंद्रशेखर आज़ाद की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। उन्होंने इस पर बात करने से साफ इनकार कर दिया है। सोशल मीडिया पर इस विवाद को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
निष्कर्ष: निजी आरोप या सार्वजनिक सवाल?
डॉ. रोहिणी घावरी का यह मामला केवल एक व्यक्तिगत विवाद नहीं, बल्कि सार्वजनिक जीवन में विश्वास और नैतिकता से जुड़ा बड़ा सवाल बन चुका है। भीम आर्मी जैसे संगठन से जुड़े नेता के खिलाफ इस तरह के आरोप समाज के एक बड़े वर्ग में चिंता पैदा कर रहे हैं।
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