आज के दौर में, जहाँ प्राकृतिक आपदाएँ, आपातकालीन स्थितियाँ और सुरक्षा चुनौतियाँ बढ़ रही हैं, समाज अपने युवाओं को एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में देख रहा है। हाल ही में चंडीगढ़ के सिविल डिफेंस वॉलंटियर प्रोग्राम में युवाओं की भारी भीड़ ने दिखाया कि देश-सेवा और आपदा प्रबंधन में उनकी कितनी बड़ी भूमिका हो सकती है।
लेकिन सिविल डिफेंस क्या है? युवा इसमें इतने उत्साहित क्यों हैं? और यह पहल समाज को कैसे मजबूत बना सकती है? आइए, इन सवालों के जवाब ढूंढते हैं।
सिविल डिफेंस क्या है?
सिविल डिफेंस (नागरिक सुरक्षा) आम नागरिकों द्वारा आपातकालीन स्थितियों में समाज की सुरक्षा के लिए किए गए प्रयासों को कहते हैं। इसमें युवाओं को प्राथमिक चिकित्सा, आग बुझाने, बचाव कार्य और संकट प्रबंधन जैसे कौशल सिखाए जाते हैं, ताकि वे पेशेवर सेवाओं के पहुंचने से पहले मदद कर सकें।
उदाहरण: 2023 में हिमाचल प्रदेश की बाढ़ के दौरान सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स ने हजारों लोगों को सुरक्षित निकालने और राहत सामग्री बांटने में मदद की।
युवाओं में इतना उत्साह क्यों?
चंडीगढ़ में युवाओं ने जोश के साथ “हाउ इज़ द जोश? हाई, सर!” के नारे लगाए। लेकिन उनका यह जोश कहाँ से आया?
- देशभक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी
- 20 वर्षीय वरुण शर्मा जैसे युवाओं ने सेना के अलावा देश सेवा का एक नया रास्ता चुना।
- एनसीसी कैडेट रंजना ने इसे अपने प्रशिक्षण का विस्तार माना।
- कौशल विकास
- CPR, आग बुझाने और आपातकालीन प्रबंधन जैसे कौशल नौकरियों में भी काम आते हैं।
- समुदायिक एकता
- सामूहिक प्रशिक्षण से टीमवर्क और जिम्मेदारी की भावना बढ़ती है।
सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को आगे बढ़ाने में चुनौतियाँ
उत्साह के बावजूद, कुछ मुश्किलें भी हैं:
- अत्यधिक भीड़
- चंडीगढ़ में इतने युवा पहुंचे कि ट्रेनिंग स्थल बदलना पड़ा।
- कई फॉर्म जमा नहीं कर पाए, जिससे पंजीकरण प्रणाली में सुधार की जरूरत दिखी।
- निरंतर भागीदारी
- सिर्फ एक बार का प्रशिक्षण काफी नहीं, नियमित अभ्यास जरूरी है।
- संसाधनों की कमी
- सरकारों को प्रशिक्षुओं के लिए उपकरण (फर्स्ट-एड किट, फायर एक्सटिंग्विशर) उपलब्ध कराने होंगे।
दुनिया में सिविल डिफेंस के सफल मॉडल
कुछ देशों ने नागरिक सुरक्षा को राष्ट्रीय नीति का हिस्सा बनाया है:
- जापान: भूकंप ड्रिल से हजारों जानें बचाई जाती हैं।
- स्विट्ज़रलैंड: 90% नागरिक आपातकालीन प्रतिक्रिया में प्रशिक्षित हैं।
- भारत में केरल: बाढ़ के दौरान सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स ने बड़ी भूमिका निभाई।

आप कैसे जुड़ सकते हैं?
अगर आप भी सिविल डिफेंस वॉलंटियर बनना चाहते हैं, तो यहाँ कुछ तरीके हैं:
- स्थानीय सरकारी योजनाओं की जाँच करें
- ज्यादातर राज्यों में ऑनलाइन पंजीकरण होता है।
- एनसीसी या एनएसएस जैसे संगठनों से जुड़ें
- वर्कशॉप में भाग लें
- फर्स्ट-एड और फायर सेफ्टी कोर्सेज आसानी से उपलब्ध हैं।
निष्कर्ष: एक जिम्मेदार नागरिक बनने का समय
चंडीगढ़ के युवाओं का “वंदे मातरम्” का जोश दिखाता है कि सामाजिक सुरक्षा में उनकी भूमिका अहम है। सिविल डिफेंस प्रोग्राम आम लोगों को आपात स्थितियों में हीरो बनाते हैं।
जैसा कि पंजाब के राज्यपाल ने कहा, “मैं आपके जोश को सलाम करता हूँ।” अब जरूरत है कि इस जोश को सही दिशा में ले जाकर एक मजबूत समाज बनाया जाए।
क्या आप तैयार हैं इस मुहिम का हिस्सा बनने के लिए?