BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली, तुर्किये की एयरपोर्ट सेवा प्रदाता कंपनी सेलेबी एविएशन को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने कंपनी द्वारा सुरक्षा मंजूरी रद्द किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट ने यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को प्राथमिकता देते हुए सुनाया।
क्या है मामला?
सेलेबी एविएशन भारत में ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो टर्मिनल सेवाएं देने वाली प्रमुख विदेशी कंपनी है। यह सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के रूप में देश के नौ हवाई अड्डों पर अपनी सेवाएं दे रही है और इसके 10,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।
BCAS ने क्यों रद्द की मंजूरी?
15 मई 2025 को, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने सेलेबी एविएशन की सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द कर दी थी। यह निर्णय ऐसे समय पर लिया गया जब तुर्किये ने पाकिस्तान का समर्थन किया था और भारत द्वारा आतंकी शिविरों पर किए गए हमलों की आलोचना की थी। इसके बाद भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरे के रूप में देखा।
कोर्ट में क्या हुआ?
सेलेबी एविएशन ने दिल्ली हाई कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी थी, यह दावा करते हुए कि केंद्र सरकार ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है और उन्हें न तो सुनवाई का अवसर मिला और न ही पहले से सूचना दी गई। कंपनी के वकील ने तर्क दिया कि यह कार्रवाई विमान सुरक्षा नियमों की प्रक्रिया के खिलाफ है।
हालांकि, सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि मौजूदा हालात में एक “अभूतपूर्व” सुरक्षा खतरा मौजूद है, और ऐसे में इस तरह की विदेशी कंपनी को भारतीय एयरपोर्ट्स तक पहुंच देना उचित नहीं है। केंद्र ने 19 मई को यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्णय राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा की दृष्टि से अनिवार्य था।
कोर्ट का फैसला
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने 23 मई को फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे अब सुनाया गया है। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए केंद्र सरकार के फैसले को उचित ठहराया और कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर प्रशासनिक निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता, जब तक कि वे पूरी तरह से मनमाने या दुर्भावनापूर्ण न हों।
इस फैसले से स्पष्ट हो गया है कि भारत सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता सर्वोच्च प्राथमिकता पर है, चाहे वह किसी भी विदेशी निवेशक या लंबे समय से कार्यरत कंपनी के खिलाफ ही क्यों न हो। सेलेबी एविएशन के लिए यह झटका उनके भारत में संचालन को लेकर गंभीर संकट पैदा कर सकता है।