प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष शामिल हुए। मुख्य एजेंडा था—पार्टी के आगामी संगठनात्मक चुनाव और राज्य स्तर पर नेतृत्व में बदलाव।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की चुनावी प्रक्रिया जल्द
भाजपा संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है, जिसे आम सहमति से चुना जाता है। वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो गया था, लेकिन उन्हें विस्तार दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, 20 अप्रैल के बाद कभी भी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
राज्य इकाइयों में बड़े बदलाव की तैयारी
इस बैठक में कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की संभावित सूची पर चर्चा हुई। पार्टी अगले दो-तीन दिनों में लगभग छह राज्यों के लिए नए नेतृत्व की घोषणा कर सकती है। यह फैसला आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर लिया गया है।
क्यों देरी हुई राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव में?
सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व एक ऐसे उत्तराधिकारी का चयन करना चाहता है जो संगठन को और मजबूत कर सके। नड्डा का कार्यकाल बढ़ाने का मकसद सत्ता के सुचारु संक्रमण और नए नेतृत्व को तैयार करने के लिए समय देना था।
आगे क्या?
- राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रक्रिया अगले सप्ताह शुरू हो सकती है।
- राज्य अध्यक्षों की नियुक्ति जल्द होगी, जिसका असर पार्टी की चुनावी रणनीति पर पड़ेगा।
- संगठनात्मक सुधार के तहत युवाओं और अनुभवी नेताओं के बीच संतुलन बनाया जाएगा।
भाजपा इस समय कई राज्यों में सत्ता में है और 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है। ऐसे में यह नेतृत्व परिवर्तन पार्टी के लिए अहम साबित हो सकता है।





