पुलिस ने बचाई चोचो चालक की जान
गोड्डा, झारखंड।
झारखंड के गोड्डा जिले से एक चौंकाने वाली और दुखद घटना सामने आई है, जहां एक बेकसूर व्यक्ति को बच्चा चोर समझकर भीड़ का शिकार होना पड़ा। यह घटना पौड़याहाट थाना क्षेत्र के सतबंधा गांव की है, जहां बिहार से रामनवमी पूजा के लिए आए एक टोटो चालक की बेरहमी से पिटाई कर दी गई।
पीड़ित व्यक्ति की पहचान मनोज सिंह के रूप में हुई है, जो बिहार के बांका जिले के बौंसी थाना क्षेत्र के भागा गांव का निवासी है। वह यात्रियों को लेकर गोड्डा के पोड़ैयाहाट थाना क्षेत्र के सिकटीया और डहुपधार गांव आया था। यात्रियों को सुरक्षित छोड़ने के बाद वह सतबंधा गांव में चल रहे एक क्रिकेट मैच को देखने चला गया।
क्रिकेट मैच समाप्त होने के बाद जब मनोज सिंह लौट रहा था, तब उसने रास्ते में एक आदिवासी बच्चे से नाश्ते की दुकान के बारे में पूछा। इसी दौरान वहां कुछ नशे में धुत युवक पहुंचे और बिना किसी ठोस सबूत के उसे बच्चा चोर समझ बैठे। उन्होंने मनोज पर हमला कर दिया और पिटाई शुरू कर दी। थोड़ी ही देर में वहां भीड़ इकट्ठा हो गई और हालात बेकाबू होते चले गए।
घटना की सूचना मिलते ही पौड़याहाट थाना प्रभारी विनय कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और तत्परता दिखाते हुए भीड़ से मनोज सिंह को सुरक्षित निकाला। उसे तत्काल स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
पुलिस ने बताया कि फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर भीड़तंत्र और अफवाहों के खतरनाक परिणाम को सामने ला दिया है।
सवाल उठते हैं:
क्या किसी पर आरोप लगाना और सजा देना आम लोगों का अधिकार है?
क्या सोशल मीडिया और अफवाहों के चलते भीड़ न्यायपालिका का विकल्प बनती जा रही है?
समाज को जागरूक होने की ज़रूरत है कि किसी भी अफवाह या शक के आधार पर किसी पर हाथ उठाना न सिर्फ गैरकानूनी है बल्कि अमानवीय भी है। पुलिस और प्रशासन को इस तरह की घटनाओं पर कड़ी नज़र रखने और दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में कोई निर्दोष फिर ऐसी भीड़ का शिकार न हो।
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