बिहार में इस साल अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो चुकी है। भाजपा (BJP) ने जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए (NDA) को जीत दिलाने का दावा किया है, वहीं पार्टी अंदरखाने में किसी भी तरह की ढिलाई बरतने से बच रही है। RJD के रणनीतिक बदलावों को देखते हुए भाजपा अपनी रणनीति को लगातार धार दे रही है।
🔑 बीजेपी की 5-प्वाइंट जीत की रणनीति
- कोई एंटी-इनकंबेंसी नहीं
भाजपा को भरोसा है कि जनता ने NDA सरकार के विकास कार्यों को सराहा है। इसलिए सरकार के खिलाफ नाराजगी नहीं है। - फेवर में जातीय समीकरण
भाजपा का मानना है कि वर्तमान में NDA के पास मजबूत जातीय गठजोड़ है, जो विपक्षी गठबंधन पर भारी पड़ेगा। - ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का असर
पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक जैसे एक्शन को जनता में सकारात्मक रूप में देखा जा रहा है। बिहार इसका पहला चुनावी टेस्ट होगा। - जातीय जनगणना का मास्टरस्ट्रोक
जातीय जनगणना की घोषणा को लेकर भाजपा को उम्मीद है कि यह कदम चुनाव में उन्हें फायदा पहुंचाएगा। - नीतीश कुमार के लिए सहानुभूति लहर
विपक्ष की ओर से नीतीश कुमार की सेहत को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, जिससे उनके प्रति सहानुभूति की लहर बनने की उम्मीद है।
🧠 RJD की नई रणनीति: SP का फॉर्मूला कॉपी
सूत्रों के अनुसार, आरजेडी (RJD) अब केवल यादव-मुस्लिम समीकरण पर निर्भर नहीं रहना चाहती। पार्टी समाजवादी पार्टी (SP) की 2024 की रणनीति को अपनाकर गैर-यादव पिछड़ा वर्ग (OBC) और अन्य जातियों को टिकट देकर अपने वोटबैंक को विस्तारित करना चाहती है।
2024 में SP ने यूपी में 37 सीटें जीतकर बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी।
RJD का प्रयास है कि बिहार में भी SP जैसी ही रणनीति अपनाकर नई जातियों को साथ जोड़ा जाए।
📊 सीट बंटवारे पर क्या बोले बीजेपी के सूत्र?
- JD(U) और चिराग पासवान के दल के बीच सामंजस्य रहेगा।
- चिराग NDA में शामिल होकर अब उपमुख्यमंत्री पद की दावेदारी कर रहे हैं।
- वह पटना-हाजीपुर क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखते हैं।
- 2024 लोकसभा में उन्होंने 5 सीटें जीतकर अपनी पकड़ साबित की है।
🚫 कांग्रेस को लेकर बीजेपी की रणनीति
बीजेपी मानती है कि RJD अगर कांग्रेस को ज्यादा सीटें देती है तो विपक्षी गठबंधन का प्रदर्शन कमजोर होगा।
- 2020 में RJD ने 144 में से 75 सीटें जीती थीं।
- कांग्रेस ने 70 में से सिर्फ 19 सीटें जीत पाई थी।
- BJP का मानना है कि कांग्रेस अब भी कमजोर कड़ी बनी रहेगी।
🔥 ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पीएम मोदी की रणनीति
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान पर एक्शन ने हिंदी बेल्ट में बीजेपी की पकड़ को और मजबूत किया है। इस रणनीति को चुनाव में बड़े मुद्दे के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
- पीएम मोदी अब तक दो बार बिहार में रैली कर चुके हैं।
- 20 जून को सीवान (RJD का गढ़) में रैली प्रस्तावित है।
🤝 क्या नीतीश कुमार NDA का चेहरा रहेंगे?
बीजेपी के शीर्ष सूत्रों का कहना है:
“हमारा नेता अब भी नीतीश कुमार ही हैं।”
नीतीश को सहानुभूति मिल सकती है और वह गठबंधन का एकजुट चेहरा बने हुए हैं।
निष्कर्ष: सधी हुई चाल चल रही है बीजेपी
भले ही एनडीए को बिहार में सत्ता विरोधी लहर से राहत हो और जातीय समीकरण भी फेवर में हों, लेकिन भाजपा कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। पार्टी को अंदेशा है कि RJD की रणनीति अगर सही साबित होती है तो चुनावी मुकाबला कड़ा हो सकता है। इसलिए अभी से ग्राउंड लेवल पर समीकरण सेट किए जा रहे हैं।