BY: Yoganand Shrivastva
लखनऊ, उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने स्वतंत्रता दिवस पर राज्य की कानून-व्यवस्था से जुड़ी बड़ी उपलब्धियां साझा कीं। उन्होंने बताया कि बीते दो सालों में अदालतों ने 70 अपराधियों को मृत्युदंड और 8,785 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
डीजीपी ने कहा कि 1 जुलाई 2023 से अब तक एक लाख से अधिक लोगों को दोषी ठहराया गया, जिनमें से हजारों को कड़ी सजा मिली। उनके अनुसार, यह आंकड़े प्रदेश में अपराध के खिलाफ पुलिस की “जीरो टॉलरेंस नीति” का सबूत हैं।
गैंगस्टरों पर बड़ी कार्रवाई
राजीव कृष्ण ने बताया कि 2017 से अब तक प्रदेश में 34 बड़े माफिया और उनके 91 सहयोगियों को सजा मिल चुकी है। इनमें से दो अपराधियों को फांसी की सजा सुनाई गई। उन्होंने यह भी कहा कि गैंगस्टर एक्ट के तहत अब तक 144 अरब रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष जोर
अपने संबोधन में डीजीपी ने “मिशन शक्ति” अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना ने महिलाओं को न केवल सुरक्षा दी है, बल्कि समाज में उन्हें और अधिक सम्मान दिलाया है। उन्होंने इसे प्रदेश पुलिस की बड़ी उपलब्धि बताया।
पुलिस की 10 प्राथमिकताएं
डीजीपी ने यूपी पुलिस की 10 प्रमुख प्राथमिकताओं का भी उल्लेख किया, जिनमें शामिल हैं:
- अपराध और भ्रष्टाचार पर शून्य सहिष्णुता की नीति
- महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण
- नागरिकों की शिकायतों का संवेदनशील और त्वरित निपटारा
- तकनीक आधारित और समुदाय-उन्मुख पुलिसिंग
- माफिया नेटवर्क का पूरी तरह सफाया
उन्होंने कहा कि इन प्राथमिकताओं पर अमल से यूपी पुलिस को दुनिया का “सर्वश्रेष्ठ पुलिस बल” बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
डीजीपी का संदेश
राजीव कृष्ण ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस सिर्फ कानून-व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि नागरिकों के मन से भय को समाप्त कर उन्हें आत्मविश्वास और सुरक्षा प्रदान करना भी उसका दायित्व है।