BY: Yoganand Shrivastva
मुंबई, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से एक बड़े सेक्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने इस नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए 14 बांग्लादेशी महिलाओं को रेस्क्यू किया है, जिन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देकर अवैध रूप से भारत लाया गया था और जबरन देह व्यापार में धकेल दिया गया। पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर मानव तस्करी, यौन शोषण और फर्जी दस्तावेज बनाने के गंभीर आरोप हैं।
सेक्स रैकेट का खुलासा कैसे हुआ?
कुछ समय पहले मुंबई के मालवणी इलाके में पुलिस ने एक सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया था। वहां से तीन बांग्लादेशी महिलाओं को छुड़ाया गया। पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें मेडिकल सेक्टर में नौकरी देने का वादा किया गया था, लेकिन भारत पहुंचते ही उन्हें वेश्यावृत्ति में धकेल दिया गया।
इन बयानों के आधार पर पुलिस ने बड़े पैमाने पर जांच शुरू की, जिसके बाद पूरे रैकेट की परतें खुलने लगीं।
अवैध घुसपैठ और फर्जी वादों का जाल
जांच में सामने आया कि ये महिलाएं गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर बांग्लादेशी परिवारों से थीं। तस्करों ने उनकी मजबूरी का फायदा उठाया और उन्हें भारत-बांग्लादेश सीमा पार कराकर चोरी-छिपे मुंबई लाया गया। उन्हें भरोसा दिलाया गया कि यहां उन्हें अस्पतालों में अच्छी नौकरी मिलेगी।
भारत पहुंचने के बाद, उनकी पहचान छिपाने के लिए फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज दिए गए, ताकि किसी को शक न हो।
रेस्क्यू और गिरफ्तारी
मालवणी पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद कई इलाकों में छापेमारी की गई। इस कार्रवाई में कुल 14 बांग्लादेशी महिलाओं को अलग-अलग ठिकानों से बचाया गया। इनमें से कई महिलाएं कम उम्र की भी हैं, जिन्हें मजबूरी में इस गंदे धंधे में झोंक दिया गया था।
पुलिस ने इस रैकेट में शामिल 8 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन पर मानव तस्करी, यौन शोषण, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और विदेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत लाने जैसे गंभीर अपराधों के तहत केस दर्ज किया गया है।
पुलिस की अगली कार्रवाई
अधिकारियों के मुताबिक, यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का संगठित रैकेट हो सकता है, जिसकी जड़ें देश के कई शहरों और बांग्लादेश तक फैली हैं। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह में और कौन-कौन शामिल है और भारत के किन राज्यों में ये नेटवर्क सक्रिय है।
यह मामला एक बार फिर से दर्शाता है कि आर्थिक मजबूरी और बेरोजगारी कैसे महिलाओं को मानव तस्करी के जाल में फंसा देती है। मुंबई पुलिस की सक्रियता और संवेदनशीलता की वजह से कई महिलाओं की जान बच पाई है, लेकिन अब जरूरत है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय और सख्त निगरानी तंत्र की, ताकि भविष्य में ऐसे अपराध रोके जा सकें।





