भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़े तनाव के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर यह माना है कि भारत ने 9-10 मई की रात कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों पर ब्रह्मोस मिसाइलें दागकर बड़ा हमला किया। इस हमले ने पाकिस्तान की सेना को पूरी तरह से चौंका दिया। इस घटना को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर का नाम दिया था, जो कि 22 अप्रैल को घाटी में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी। इस लेख में हम ऑपरेशन सिंदूर की पूरी कहानी, इसके बाद के घटनाक्रम और भारत-पाकिस्तान की स्थिति पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत का सटीक जवाब
- पाकिस्तान के कई ठिकानों पर मिसाइल हमला: भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-नियंत्रित कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
- ब्राह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल: तेज गति और सटीकता के लिए जाने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला किया गया।
- लक्ष्य: नौ आतंकी शिविर, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के ठिकाने शामिल थे।
पाक पीएम का बड़ा खुलासा
शहबाज शरीफ ने कहा कि वे और उनकी सेना फजर की नमाज के बाद सुबह 4:30 बजे भारत को जवाब देने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन भारत ने उनसे पहले ही ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला कर दिया। उन्होंने कहा:
“हम नमाज के बाद कार्रवाई करने वाले थे, लेकिन भारत ने ब्रह्मोस दाग दिए और हमारे कई एयरबेस, खासकर रावलपिंडी एयरपोर्ट को निशाना बनाया।”
इससे पहले भी उन्होंने स्वीकार किया था कि 10 मई की सुबह भारतीय मिसाइल हमले ने उनके कई सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाया।
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव
- आतंकवादी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों की हत्या के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।
- पाकिस्तान की ड्रोन हमले: पाकिस्तान ने इसके बाद भारत के नागरिक इलाकों में ड्रोन से हमला किया।
- भारत का जवाब: भारत ने पाकिस्तानी रडार, कमांड सेंटर और गोला-बारूद डिपो को निशाना बनाया।
शांति वार्ता की स्थिति
हालांकि पाकिस्तान ने कहा है कि वह भारत से बातचीत के लिए तैयार है और कश्मीर, जल संसाधन और व्यापार जैसे मुद्दों को हल करना चाहता है। लेकिन भारत की सशक्त स्थिति है कि:
- आतंकवाद पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए।
- पाकिस्तान कश्मीर का कब्जा छोड़ दे।
- दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली के लिए पाकिस्तान आतंकवाद को समाप्त करे।
भारत ने स्पष्ट किया है कि आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ नहीं चल सकते।
निष्कर्ष
भारत का ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में आतंकवादी बुनियादों को गहरा क्षति पहुंचाई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मान्यता से यह साफ हो गया है कि भारत की सैन्य कार्रवाई बहुत प्रभावी रही। हालांकि शांति की बात कही जा रही है, पर जब तक आतंकवाद खत्म नहीं होता, तब तक दोनों देशों के बीच वास्तविक बातचीत और मेल-मिलाप संभव नहीं है।