चार सचिव भूख हड़ताल पर
बेमेतरा | रिपोर्टर: संजू जैन
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले सहित बेरला जनपद के पंचायत सचिव 32 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे हुए हैं। यह हड़ताल प्रदेश पंचायत सचिव संघ के आह्वान पर 18 मार्च से जारी है। तेज गर्मी के बावजूद पंचायत सचिव अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं, और अब आंदोलन ने गंभीर रूप ले लिया है, क्योंकि चार सचिव भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।
हड़ताली पंचायत सचिवों की प्रमुख मांग उनका शासकीयकरण है। सचिवों ने बताया कि उन्होंने 17 मार्च को विधानसभा का घेराव किया था, लेकिन जब मांगों पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली, तब 18 मार्च से जनपद मुख्यालयों में धरना शुरू कर दिया गया। आज इस धरने को 32 दिन हो चुके हैं।
पंचायत सचिव अनिता मारकंडे, ममता साहू, शिव कुमार एवं अन्य आंदोलनरत सचिवों ने बताया कि भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में पंचायत सचिवों के शासकीयकरण का वादा किया था, लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद यह वादा अधूरा है। सचिवों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, हड़ताल और भूख हड़ताल जारी रहेगी।
हड़ताल के चलते पंचायत स्तर पर सारा कामकाज ठप हो गया है। शासन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था के तहत ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को पंचायत कार्यों का प्रभार देने की कोशिश की गई थी, लेकिन उन्होंने भी यह जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया और पंचायत सचिवों के आंदोलन को समर्थन दिया।
इस लंबी हड़ताल से पंचायतों में योजनाओं का क्रियान्वयन, दस्तावेज़ी काम, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र और अन्य जरूरी सेवाएं पूरी तरह ठप पड़ी हैं। सचिवों की जिद और सरकार की चुप्पी के बीच ग्रामीण जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अब देखना यह होगा कि सरकार इस आंदोलन को कितनी गंभीरता से लेती है और कब तक पंचायत सचिवों की मांगों पर कोई ठोस निर्णय लिया जाता है।
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