BY: Yoganand Shrivastva
तिरुवनंतपुरम, केरल की राजनीति में उस समय हलचल तेज हो गई जब वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक सर्वे रिपोर्ट साझा की, जिसमें उन्हें राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर सबसे उपयुक्त उम्मीदवार बताया गया। थरूर की इस पोस्ट के बाद खुद कांग्रेस के भीतर से ही तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।
थरूर की पोस्ट ने बढ़ाई सियासी सरगर्मी
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बुधवार को शशि थरूर ने एक निजी एजेंसी के सर्वे की रिपोर्ट साझा की थी, जिसमें कहा गया कि 28.3% लोगों ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए उपयुक्त माना। इस पोस्ट में थरूर ने हाथ जोड़ने वाला इमोजी लगाकर अपनी प्रतिक्रिया दी थी, लेकिन यही पोस्ट कांग्रेस में नया विवाद खड़ा कर गई।
पार्टी के भीतर से आई आलोचना
थरूर की पोस्ट पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन ने बयान दिया कि,
“उन्हें पहले यह तय करना चाहिए कि वे किस पार्टी से हैं।”
मुरलीधरन ने यह भी कहा कि सर्वेक्षण में कोई कितना भी आगे क्यों न हो, यदि 2026 के विधानसभा चुनाव में यूडीएफ सत्ता में आती है, तो मुख्यमंत्री उसी गठबंधन से होगा, और इसका फैसला पार्टी के तय ढांचे के अनुसार ही किया जाएगा।
कांग्रेस के भीतर नियम तय
मुरलीधरन ने जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस की राज्य इकाई में कई वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं, और पार्टी के पास एक स्पष्ट प्रणाली है जिसके तहत मुख्यमंत्री पद के लिए निर्णय लिया जाता है। उन्होंने कहा:
“हमारा मुख्य उद्देश्य आगामी चुनाव में जीत दर्ज करना है। इस तरह के अनावश्यक बयानों और विवादों में पार्टी की कोई रुचि नहीं है।”
चुनावी समीकरण और पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि केरल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। वर्तमान में सीएम पिनाराई विजयन के नेतृत्व में एलडीएफ सरकार का कार्यकाल समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में राजनीतिक हलकों में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
शशि थरूर की लोकप्रियता और उनके ग्लोबल प्रोफाइल को देखते हुए कुछ राजनीतिक विश्लेषक उन्हें एक मजबूत विकल्प मानते हैं, लेकिन पार्टी के भीतर उनके संभावित नेतृत्व को लेकर मतभेद भी सामने आते रहे हैं।