बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बीजेपी की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें बिहार के दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े समेत कई बड़े नेता शामिल हुए। इस बैठक का मुख्य एजेंडा सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय करना था।
बैठक में कौन-कौन थे शामिल?
- अमित शाह (केंद्रीय गृह मंत्री)
- सम्राट चौधरी (बिहार के डिप्टी सीएम)
- विजय सिन्हा (बिहार के डिप्टी सीएम)
- विनोद तावड़े (BJP के प्रदेश प्रभारी, बिहार)
- अन्य वरिष्ठ पार्टी नेता
बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर गहन चर्चा हुई। पिछली बार BJP और JDU के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला था, लेकिन इस बार चिराग पासवान की पार्टी भी गठबंधन में शामिल होने से मामला थोड़ा जटिल हो गया है।
जीतन राम मांझी की बड़ी मांग
पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी ने चुनाव से पहले NDA से कम से कम 20 सीटें देने की मांग की है। उन्होंने कहा:
“अगर NDA के दिल में हमारे लिए सहानुभूति है और वे हमारी पार्टी को मान्यता देना चाहते हैं, तो हमें ऐसी सीटें मिलनी चाहिए जो हमारी गरिमा बचा सकें।”
मांझी की यह मांग उनके समर्थकों और आम जनता की आवाज़ भी है, जो चुनाव में उनकी पार्टी की भूमिका को मजबूत बनाना चाहते हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव कब होंगे?
- कुल सीटें: 243
- संभावित चुनाव समय: अक्टूबर-नवंबर 2025
- मुख्य मुकाबला: महागठबंधन vs NDA
- NDA के घटक: BJP, JDU, हम पार्टी, और अन्य सहयोगी
NDA में BJP और JDU लगभग 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी जैसे सहयोगी पार्टियां भी सीटों की मांग कर रही हैं, जिससे सीट शेयरिंग का फॉर्मूला बनाना चुनौतीपूर्ण हो गया है। महागठबंधन के लिए भी सीट बंटवारे में संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
पटना में तेजस्वी यादव की बैठक
बिहार के विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने भी पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है। यह बैठक भी चुनावी रणनीति और सीट बंटवारे को लेकर महत्वपूर्ण मानी जा रही है। प्रदेश में राजनीतिक तापमान बढ़ा हुआ है और सभी दल चुनावी तैयारियों में जुटे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली में अमित शाह की अध्यक्षता में हुई BJP की बैठक ने राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है। सीट शेयरिंग को लेकर चल रही चर्चाएं, जीतन राम मांझी की मांग, और महागठबंधन की रणनीति इस चुनाव को बेहद रोचक बनाएंगी। आगामी चुनाव बिहार की राजनीति में नए समीकरण स्थापित कर सकते हैं।