12 जून 2025 को एअर इंडिया की फ्लाइट AI 171 अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई थी, लेकिन टेकऑफ के दो मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस भीषण हादसे में 270 लोगों की मौत हुई, जबकि केवल एक यात्री जीवित बच पाया।
अब इस हादसे की प्राथमिक जांच रिपोर्ट विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने केंद्र सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट में हादसे के संभावित कारणों की शुरुआती जानकारी दी गई है, जबकि विस्तृत रिपोर्ट आने में अभी तीन महीने लग सकते हैं।
क्या कहा रिपोर्ट में?
- AAIB ने यह रिपोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सौंपी है।
- यह रिपोर्ट ब्लैक बॉक्स से निकाले गए डाटा और शुरुआती जांच के आधार पर बनाई गई है।
- अभी तक इंजन फेलियर, फ्यूल सप्लाई गड़बड़ी या तकनीकी खराबी को लेकर कोई स्पष्ट निष्कर्ष नहीं निकला है।
हादसे के मुख्य तथ्य
- घटना तिथि: 12 जून 2025
- फ्लाइट नंबर: AI 171 (एअर इंडिया)
- रूट: अहमदाबाद से लंदन
- क्रैश टाइम: टेकऑफ के 2 मिनट बाद, दोपहर 1:40 बजे
- मृतकों की संख्या: 270
- बचे यात्री: सिर्फ 1
- ब्लैक बॉक्स रिकवरी: 13 जून को
- DNA पहचान पूरी: 251 शवों की पहचान हो चुकी है, 245 शव परिजनों को सौंपे गए
DGCA ने दी सुरक्षा की गारंटी
केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा:
- DGCA ने एअर इंडिया के सभी 33 ड्रीमलाइनर विमानों की जांच कर ली है।
- सभी विमान सुरक्षित पाए गए हैं।
- यह दुर्घटना एक अपवाद थी, अब यात्री सुरक्षित यात्रा कर सकते हैं।
ICAO को मिली जांच में शामिल होने की अनुमति
भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र की विमानन संस्था ICAO को इस जांच में ऑब्जर्वर के रूप में शामिल होने की अनुमति दी है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जांच पारदर्शिता और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार हो रही है।
जांच में कौन-कौन शामिल?
- AAIB की स्पेशल टीम
- एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) अधिकारी
- विमानन चिकित्सा विशेषज्ञ
- अमेरिका की NTSB (National Transportation Safety Board) के प्रतिनिधि
- ICAO विशेषज्ञ (ऑब्जर्वर)
हादसे में कौन-कौन थे सवार?
- कुल यात्री: 230
- भारतीय: 169
- ब्रिटिश: 53
- पुर्तगाली: 7
- कनाडाई: 1
- पुरुष: 103 | महिलाएं: 114 | बच्चे: 11 | नवजात: 2
- क्रू मेंबर्स: 12
- मृतकों में शामिल: गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी
पायलट ने भेजा था इमरजेंसी सिग्नल
फ्लाइटरडार24 के अनुसार, AI 171 ने दोपहर 1:38 बजे टेकऑफ किया था और 1:40 पर मेडे कॉल (आपातकालीन सिग्नल) भेजा गया।
DGCA ने बताया कि:
- पायलट के पास 8,200 घंटे और को-पायलट के पास 1,100 घंटे का अनुभव था।
- आखिरी सिग्नल 625 फीट की ऊंचाई पर मिला।
ब्लैक बॉक्स क्या होता है और क्यों जरूरी है?
ब्लैक बॉक्स, विमान में लगा एक अत्यंत महत्वपूर्ण उपकरण होता है, जो उड़ान के दौरान:
- पायलट की बातचीत (Cockpit Voice Recorder – CVR)
- विमान की तकनीकी जानकारी (Flight Data Recorder – FDR)
रिकॉर्ड करता है।
यह डेटा हादसे के बाद यह समझने में मदद करता है कि विमान में कौन सी गड़बड़ी आई थी।
जांच जारी, जवाब जल्द मिल सकते हैं
AAIB और विभिन्न एजेंसियां इस हादसे की जांच हर कोण से कर रही हैं। जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट सामने आ सकती है, जो इस दर्दनाक हादसे की असली वजह उजागर करेगी।