रिपोर्ट- उमेश डहरिया
उमेश डहरिया, कोरबा।
कोरबा जिले में आदिम जाति विकास विभाग द्वारा “आदि कर्मयोगी अभियान” की शुरुआत की गई है। इस अभियान का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में सेवा, समर्पण और सुशासन की भावना के साथ शासकीय योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है। इसके तहत जिला कलेक्ट्रेट के सभागार में 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
अभियान का मुख्य उद्देश्य
- जनजातीय समुदायों को सरकारी योजनाओं से जोड़ना और उनका प्रभावी लाभ दिलाना।
- ग्राम स्तर पर क्षमता निर्माण और लोगों व संस्थाओं को सशक्त बनाना।
- प्रत्येक चयनित ग्राम में “आदि सेवा केंद्र” की स्थापना करना, जो शासकीय सेवाओं की प्रदायगी और जनभागीदारी को बढ़ावा देगा।
अभियान की विशेषताएं
- बहु-स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
- राज्य, जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे।
- ट्राइबल विलेज विजन 2030
- ग्रामों के लिए दीर्घकालिक विकास योजनाएं बनाई जाएंगी।
- शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- जनजातीय परिवारों तक मूलभूत सुविधाएं
- पानी, बिजली, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रत्येक जनजातीय परिवार तक पहुंचाना।
- कैडर तैयार करना
- अभियान के संचालन के लिए ग्राम स्तर पर अधिक से अधिक स्थानीय कैडर (स्वयंसेवक व कर्मयोगी) तैयार किए जाएंगे।
जनभागीदारी से विकास की दिशा
“आदि कर्मयोगी अभियान” के माध्यम से सरकार का प्रयास है कि आदिवासी परिवार न केवल सरकारी योजनाओं से जुड़ें बल्कि विकास प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार भी बनें। इससे न सिर्फ बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी बल्कि ग्रामीणों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में भी मदद मिलेगी।